छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर मुठभेड़ की आंधी नक्सलियों पर टूटा सुरक्षाबलों का कहर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी और राहत देने वाली खबर सामने आई है। यहां सुरक्षा बलों ने तेलंगाना सीमा से सटे करेगुट्टा पहाड़ियों में चल रहे एक जबरदस्त एनकाउंटर में 15 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह कार्रवाई ‘मिशन संकल्प’ के तहत की जा रही है। यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने जंगलों में चल रही है जहां लंबे समय से नक्सली गतिविधियां जारी थीं।
करेगुट्टा पर चल रहा है बड़ा ऑपरेशन
करेगुट्टा की पहाड़ियों में सुरक्षा बलों का यह ऑपरेशन कोई अचानक की गई कार्रवाई नहीं है। यहां पिछले कई महीनों से नक्सलियों के खिलाफ एक सघन अभियान चलाया जा रहा है। अप्रैल महीने में भी इसी इलाके में एक मुठभेड़ के दौरान तीन नक्सली मारे गए थे। सुरक्षा बलों को इन जंगलों में नक्सलियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी की खबर मिली थी जिसके बाद यह बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया। इसमें डीआरजी, सीआरपीएफ और एसटीएफ की संयुक्त टीमों को लगाया गया है।
Mission Sankalp | More than 15 naxals killed by Security Forces in an ongoing encounter near Karegutta Hills in Bijapur district along Chhattisgarh-Telangana border, says a Police official. pic.twitter.com/XG1tD48HqT
— ANI (@ANI) May 7, 2025
अमित शाह ने दिया था नक्सल-मुक्त भारत का लक्ष्य
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारत अब नक्सल-मुक्त होने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया था कि पहले जिन 12 जिलों को वामपंथी उग्रवाद से सबसे ज़्यादा प्रभावित माना जाता था उनकी संख्या अब घटकर केवल 6 रह गई है। सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ मजबूत इरादों के साथ काम कर रही है और 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई की ओर इशारा करती है। करेगुट्टा जैसे दुर्गम इलाकों में नक्सलियों की मौजूदगी लंबे समय से चिंता का विषय रही है लेकिन अब मिशन संकल्प के तहत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इन्हें जड़ से खत्म करने में लगी हैं। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि पिछले कुछ महीनों में नक्सली गतिविधियों में काफी कमी आई है जिससे गांवों में सुरक्षा और शांति का माहौल बन रहा है। यह केवल एक ऑपरेशन नहीं बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।