Stock Market News: अमेरिकी फेड का बड़ा फैसला और ईरान-इजरायल युद्ध ने शेयर बाजार में डर फैला दिया

गुरुवार 19 जून 2025 को शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। इसकी दो बड़ी वजहें हैं। पहली – अमेरिका की केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है और दूसरी – ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ता युद्ध तनाव। इन दोनों वजहों का असर पूरी दुनिया के बाजारों पर पड़ रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। आज हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन बीएसई सेंसेक्स 225.26 अंकों की गिरावट के साथ 81,219.40 पर खुला। वहीं एनएसई निफ्टी 56.75 अंक गिरकर 24,755.30 पर कारोबार करता नजर आया।
बाजार की गिरावट के बीच कुछ चुनिंदा शेयरों में बढ़त भी देखने को मिली। टॉप गेनर में टाइटन रहा जिसका शेयर 0.68 प्रतिशत उछला। इसके बाद टाटा मोटर्स में 0.66 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। कोटक महिंद्रा बैंक में 0.47 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा में 0.35 प्रतिशत और बजाज फिनसर्व में 0.23 प्रतिशत की तेजी रही। हालांकि दूसरी तरफ आईटी सेक्टर पर जबरदस्त दबाव रहा। टेक महिंद्रा का शेयर 1.63 प्रतिशत गिर गया। वहीं एससीएल टेक्नोलॉजी 0.75 प्रतिशत, इंफोसिस 1.01 प्रतिशत, अदानी पोर्ट्स 0.58 प्रतिशत और इंडसइंड बैंक 0.60 प्रतिशत नीचे लुढ़क गए।
अमेरिकी फेड के फैसले की हो रही आलोचना
बाजार विशेषज्ञ विनोद नायर का कहना है कि वेस्ट एशिया में अशांति और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को 4.25 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत के दायरे में बनाए रखा है। इस फैसले ने बाजार को उम्मीदों के उलट झटका दिया है क्योंकि निवेशक दरों में थोड़ी राहत की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, यह संकेत जरूर मिला है कि साल के अंत तक ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
ट्रंप ने फेड चेयरमैन को कहा ‘मूर्ख’
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व प्रमुख जेरोम पॉवेल के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कम से कम 2 प्रतिशत की कटौती होनी चाहिए थी। ट्रंप ने पॉवेल को ‘मूर्ख’ तक कह डाला। ऐसे में यह साफ है कि अमेरिका में भी फेड के फैसले को लेकर असहमति है। अब बाजार की नजर इस पर है कि आने वाले महीनों में वैश्विक हालात किस दिशा में जाते हैं और भारत का शेयर बाजार कैसे प्रतिक्रिया देता है।