सुप्रीम कोर्ट में पेश होगी विजय शाह की विवादित बयान केस की स्टेटस रिपोर्ट, क्या होगा अगला कदम?

मध्य प्रदेश के जनजातीय मामलों के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान मामले में गठित एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह मामला बुधवार यानी 28 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा जिसमें एसआईटी की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। इस केस को लेकर पूरे प्रदेश और देश की राजनीति में हलचल मची हुई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस मामले में अहम साबित हो सकता है।
जबलपुर हाईकोर्ट ने दिए थे FIR के आदेश
यह मामला तब चर्चा में आया जब जबलपुर हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए विजय शाह पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया और 28 मई तक पहली स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इसका मतलब साफ है कि यह रिपोर्ट सिर्फ शुरुआती जांच की है और आगे की गहराई से जांच जारी रहेगी।
अभी आगे और जांच करेगी SIT
एसआईटी अपनी पूरी जांच के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में फिर से पेश करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर धार जिले के मानपुर थाने में दर्ज एफआईआर की भी जांच के निर्देश दिए थे। माना जा रहा है कि एसआईटी विजय शाह का बयान भी ले सकती है। इस रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रुख पर अब बीजेपी की प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व की नजरें टिकी हुई हैं। BJP फिलहाल इस मामले में कोई सीधा निर्णय लेने के बजाय सुप्रीम कोर्ट के फैसले और एसआईटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
कांग्रेस ने मांगा मंत्री पद से हटाने का फैसला
विजय शाह के बयान ने सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया है और विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार उनके मंत्री पद से हटाने की मांग कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि ऐसे बयान देने वाले व्यक्ति को मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। बीजेपी की ओर से अभी तक कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया है लेकिन अगर एसआईटी की रिपोर्ट में शाह के खिलाफ मजबूत सबूत मिलते हैं और सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त रहता है तो शाह को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है या गिरफ्तारी तक की नौबत आ सकती है। यह मामला आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा तूफान ला सकता है।