किसान कांग्रेस प्रदर्शन के दौरान मंच गिरा, कई नेता घायल, बीजेपी पर साजिश का आरोप

इस दौरान किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव सिंह के शरीर में लोहे की रॉड घुस गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस हादसे को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की साजिश करार दिया है। वहीं, मंच गिरने के कुछ समय बाद किसान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
कांग्रेस का विधानसभा घेराव, मंच गिरने से हड़कंप
दरअसल, विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन किसान कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए भोपाल में प्रदर्शन आयोजित किया था। कांग्रेस नेता किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे थे, लेकिन इसी बीच रंगमहल चौराहे पर लगा कांग्रेस का मंच गिर गया।
घटना के तुरंत बाद, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने घायलों से मुलाकात की और उनकी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “सभी घायलों की हालत ठीक है। भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है। न तो सोयाबीन का उचित दाम मिल रहा है और न ही गेहूं का। सरकार को हो क्या गया है?”
भाजपा पर साजिश का आरोप, कांग्रेस का पलटवार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस घटना को भाजपा की साजिश करार दिया और कहा कि, “बीजेपी नहीं चाहती कि कांग्रेस किसानों की आवाज उठाए। यह एक साजिश के तहत किया गया है। उन्होंने मंच बनाने की अनुमति तो दी लेकिन मजबूत मंच बनाने की इजाजत नहीं दी।”
पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से भाजपा की सोची-समझी रणनीति थी। उन्होंने हमारे आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि कांग्रेस का मंच मजबूत है, यह सिर्फ एक मंच नहीं बल्कि किसानों की आवाज है।”
“किसानों के मुद्दों पर सरकार मौन” – कांग्रेस
इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने भाजपा सरकार से 10 सवाल पूछे, जिनका कोई जवाब नहीं मिला। जीतू पटवारी ने कहा, “सरकार ने किसानों के साथ किए गए वादों को भुला दिया है। यही वजह है कि राज्यभर के किसान आज सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए हैं। किसान कांग्रेस का एक ही संकल्प है – भाजपा सरकार को सबक सिखाना।”
उन्होंने आगे कहा, “जब किसान अपनी समस्याओं को लेकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने आते हैं, तो उनके खिलाफ पानी की बौछारें छोड़ी जाती हैं और लाठीचार्ज किया जाता है। लेकिन हम अपने किसानों के लिए तन, मन और धन से लड़ाई लड़ेंगे।”
“हम डरने वाले नहीं” – उमंग सिंघार
उमंग सिंघार ने प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, “पानी की बौछारों और लाठियों से हम डरने वाले नहीं हैं। सरकार किसानों के मुद्दों से अपना चेहरा छुपा रही है और विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे।”
आंदोलन के पीछे कारण क्या?
कांग्रेस के इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनका हक दिलाना था। पार्टी का आरोप है कि:
- फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे – किसानों को सोयाबीन और गेहूं की फसल के सही दाम नहीं दिए जा रहे।
- कर्जमाफी अधर में लटकी – सरकार ने कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया।
- बिजली कटौती और बढ़े हुए बिल – किसानों को बिजली कटौती और भारी बिलों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- खाद-बीज की समस्या – किसानों को सही समय पर खाद और बीज नहीं मिल रहा, जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं।
- भाजपा सरकार की अनदेखी – सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही, जिससे किसान परेशान हैं।
कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा?
जीतू पटवारी ने ऐलान किया कि यह आंदोलन यहीं नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा, “हम हर जिले में प्रदर्शन करेंगे और सरकार को उसकी नाकामी का अहसास कराएंगे। हम विधानसभा में भी किसानों की आवाज उठाएंगे।”
उधर, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि मंच गिरने का कारण भीड़ का अधिक दबाव था, इसमें किसी भी प्रकार की साजिश नहीं थी।
भोपाल में किसान कांग्रेस के इस आंदोलन के दौरान हुए हादसे ने मध्य प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है। कांग्रेस जहां इसे भाजपा की साजिश बता रही है, वहीं भाजपा इसे महज एक दुर्घटना मान रही है। लेकिन एक बात साफ है कि किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव और बढ़ने वाला है।