South Korea: सियोल में बर्फ़बारी ने जनजीवन को किया अस्त-व्यस्त, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
South Korea की राजधानी सियोल में आई जबरदस्त बर्फ़बारी ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। यह बर्फ़ीला तूफ़ान, जिसे पिछले 50 वर्षों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है, ने न केवल सियोल बल्कि पूरे दक्षिण कोरिया के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया। इस भयंकर तूफ़ान के कारण सियोल में दर्जनों उड़ानें रद्द कर दी गईं, और सड़क, रेल व हवाई यातायात प्रभावित हुआ है।
सियोल में बर्फ़बारी का रिकॉर्ड तोड़ा
दक्षिण कोरिया के मौसम विभाग ने बताया कि सियोल के उत्तरी और आसपास के इलाकों में 20 सेंटीमीटर तक बर्फ़ गिरी। यह तूफ़ान पिछले 52 सालों का सबसे बड़ा और खतरनाक माना जा रहा है। 28 नवंबर 1972 को आए तूफ़ान में 12 सेंटीमीटर बर्फ़ गिरी थी, लेकिन इस बार स्थिति और भी गंभीर है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सियोल और उसके आसपास के क्षेत्रों में बर्फ़बारी का सिलसिला अगले कुछ घंटों तक जारी रहेगा।
यातायात पर भारी असर
इस बर्फ़ीले तूफ़ान ने पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। सियोल सहित दक्षिण कोरिया के अधिकांश हिस्सों में 10 से 23 सेंटीमीटर तक बर्फ़ गिर चुकी है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दक्षिण कोरिया के एयरपोर्ट्स पर कम से कम 220 उड़ानें रद्द या देरी से हुईं। इसके अलावा, करीब 90 नावों को बंदरगाहों में रहने का आदेश दिया गया है। सर्दी के इस तूफ़ान ने न केवल हवाई यात्रा को, बल्कि रेलवे और सड़क यातायात को भी बाधित कर दिया है। सियोल में बर्फ़ की वजह से सड़कों पर ट्रैफ़िक धीमा हो गया, और कई जगहों पर दुर्घटनाएं भी हुईं।
कड़ी मेहनत के बावजूद रास्ते साफ़ करने में परेशानी
सियोल और अन्य प्रभावित शहरों में कई जगहों पर बर्फ़ सड़कों पर जमी हुई है, जिससे ट्रैफ़िक धीमा हो गया है और लोग समय पर अपने गंतव्य स्थानों तक पहुँचने में असमर्थ हो रहे हैं। एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाएं बर्फ़ और ठंड के कारण परेशान हो रही हैं। सर्दी और बर्फ़ के कारण बड़ी संख्या में पेड़ गिर गए हैं, जिनसे सड़कों पर रुकावटें आईं। अधिकारियों ने ज़रूरी जगहों से गिरने वाले पेड़ों, साइनबोर्ड और अन्य बाधाओं को हटाने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं।
कृषि और मछली पालन पर भी असर
इस बर्फ़बारी ने कृषि कार्यों को भी प्रभावित किया है। दक्षिण कोरिया के कुछ क्षेत्रों में कृषि कार्य ठप हो गए हैं। ठंडी हवाओं और बर्फ़बारी के कारण कुछ क्षेत्रों में फसलों को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा, मछली पालन उद्योग भी बर्फ़बारी के कारण प्रभावित हुआ है। लगभग 90 नावों को समुद्र में निकलने से रोक दिया गया है, जिससे मछुआरों की आजीविका पर भी संकट मंडरा रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह बर्फ़बारी लगातार अगले कुछ घंटों तक जारी रह सकती है। पूरे देश में बर्फ़बारी की चेतावनी जारी की गई है और नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी अनावश्यक यात्रा से बचें। विशेष रूप से, वाहन चालकों से कहा गया है कि वे अपनी गाड़ी को धीमी गति से चलाएं और सड़क पर बर्फ़ जमी होने की स्थिति में बहुत सावधानी बरतें।
आपातकालीन सेवाओं की सक्रियता
आपातकालीन सेवाओं ने बर्फ़बारी और तूफ़ान से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए पूरी कोशिश की है। सरकार ने आपातकालीन कर्मचारियों की तैनाती बढ़ा दी है और संकटग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यक मदद पहुंचाने के लिए कदम उठाए हैं। अस्पतालों में बर्फ़बारी के कारण कोई बड़ी समस्या न हो, इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की गई है।
नवम्बर में बर्फ़बारी का इतिहास
इस तरह की बर्फ़बारी सर्दी के महीनों में सामान्य होती है, लेकिन नवम्बर में इतनी भारी बर्फ़बारी असामान्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की तेज़ बर्फ़बारी मौसम के बदलाव का संकेत है और दक्षिण कोरिया में भविष्य में ऐसे तूफ़ान आने की संभावना बढ़ सकती है।
दक्षिण कोरिया में आए इस भयावह बर्फ़ीले तूफ़ान ने देश को अपनी चपेट में ले लिया है। न केवल सामान्य जीवन बल्कि हवाई, सड़क और रेल यातायात भी पूरी तरह प्रभावित हो गया है। इस तूफ़ान के कारण हजारों लोग परेशान हैं और कई लोग अपनी यात्रा पूरी करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद लोगों से पूरी सावधानी बरतने की अपील की गई है। सरकार और आपातकालीन सेवाओं द्वारा राहत कार्य जारी हैं और बर्फ़बारी को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सम्पूर्ण दक्षिण कोरिया के नागरिकों को इस मुश्किल घड़ी में संयम बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि वे इस कठिन मौसम का सामना कर सकें।