मध्य प्रदेश

Madhya pradesh में कड़ाके की ठंड जारी, शीतलहर ने बढ़ाई परेशानी

Madhya pradesh में एक बार फिर कड़ाके की ठंड ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। दिन और रात दोनों समय सर्दी का प्रकोप जारी है। राज्य भर में शीतलहर का असर दिख रहा है, जिससे दिन और रात के तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शुक्रवार को भी तेज ठंडी हवाओं ने लोगों को कंपकंपा दिया। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को भी यही स्थिति बनी रहेगी, हालांकि रविवार से कुछ राहत मिलने की संभावना है।

तीन दिनों से जारी है कड़ाके की ठंड

राज्य में पिछले तीन दिनों से लगातार ठंड का कहर जारी है। रात के तापमान में भारी गिरावट देखी गई है। रात का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जबकि दिन में तापमान 25 डिग्री तक गिर गया है।

पिछले 24 घंटों में राजगढ़, रायसेन, धार, शाजापुर, सीहोर, नीमच, मंदसौर, छतरपुर, उमरिया और शहडोल में कड़ाके की ठंड महसूस की गई। इसके अलावा, भोपाल, विदिशा, झाबुआ, आगर-मालवा, गुना, दतिया, श्योपुर, मुरैना, भिंड, टीकमगढ़, निवाड़ी, सतना, मेहर, मऊगंज, सिंगरौली और अनूपपुर में भी ठंडी हवाओं का प्रभाव देखा गया।

रात में पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया। खासतौर पर कल्याणपुर, राजगढ़, खजुराहो, नौगांव, टीकमगढ़, गुना, सतना, धार, पचमढ़ी और मंडला में सबसे ज्यादा ठंड महसूस की गई। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी न्यूनतम तापमान 10.2 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।

Madhya pradesh में कड़ाके की ठंड जारी, शीतलहर ने बढ़ाई परेशानी

मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्रवार को पश्चिमोत्तर भारत में 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर जेट स्ट्रीम हवाएं 259 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। इन हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में भी ठंड का असर बढ़ गया। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर भी राज्य में देखने को मिल रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को राज्य के कई शहरों में हवाओं की गति 30 किमी प्रति घंटे तक दर्ज की गई। भोपाल में हवाएं 15 से 17 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं, जिससे ठंड और बढ़ गई। इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

शुक्रवार को सबसे ठंडा रहा भोपाल

शुक्रवार को भोपाल में अधिकतम तापमान में 4.4 डिग्री की गिरावट देखी गई, जिससे तापमान घटकर 23.2 डिग्री सेल्सियस रह गया। यह राज्य में सबसे कम तापमान था। अन्य शहरों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई:

  • रायसेन – 23.5 डिग्री सेल्सियस
  • रीवा – 23.8 डिग्री सेल्सियस
  • पचमढ़ी – 24.4 डिग्री सेल्सियस
  • सतना – 24.9 डिग्री सेल्सियस
  • धार, नरसिंहपुर और दमोह – 25 डिग्री सेल्सियस

बड़े शहरों में तापमान कुछ इस प्रकार रहा:

  • ग्वालियर – 25.4 डिग्री सेल्सियस
  • इंदौर – 24.8 डिग्री सेल्सियस
  • उज्जैन – 26 डिग्री सेल्सियस
  • ग्वालियर – 24.4 डिग्री सेल्सियस

फरवरी 9 से तापमान में सुधार की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, 9 फरवरी से अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। ठंड में धीरे-धीरे कमी आ सकती है, लेकिन रात का तापमान अभी भी कम रहेगा। हालांकि, यह पूरी तरह से मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा कि ठंड कितने समय तक बनी रहती है।

शीतलहर से बचाव के उपाय

चूंकि राज्य में ठंड का प्रकोप जारी है, इसलिए लोगों को कुछ आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए:

  1. गरम कपड़े पहनें – स्वेटर, जैकेट, मफलर और टोपी पहनकर ठंड से बचाव करें।
  2. गर्म पेय का सेवन करें – चाय, कॉफी और सूप का सेवन करें ताकि शरीर गर्म रहे।
  3. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें – ठंड से बचने के लिए घर के बुजुर्गों और छोटे बच्चों को पर्याप्त गरम कपड़े पहनाएं।
  4. रात में घर से बाहर निकलने से बचें – अत्यधिक ठंड में बाहर जाने से बचें, खासतौर पर रात के समय।
  5. हीटर या ब्लोअर का प्रयोग करें – घर में गर्माहट बनाए रखने के लिए हीटर या ब्लोअर का उपयोग करें, लेकिन इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतें।
  6. स्वस्थ खान-पान अपनाएं – हरी सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स और प्रोटीन युक्त आहार लें, जिससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके।

मध्य प्रदेश में इस समय ठंड अपने चरम पर है और शीतलहर ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन सहित कई जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हालांकि, 9 फरवरी के बाद से तापमान में सुधार की संभावना जताई जा रही है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।

इस समय, ठंड से बचने के लिए हर किसी को विशेष सतर्कता बरतनी होगी, खासकर बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखना जरूरी है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी चाहिए कि वे जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल उपलब्ध कराएं, ताकि इस भीषण ठंड से किसी की जान न जाए।

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