छत्तीसगढ

DRG जवान की शहादत के बाद बड़ा खुलासा, 30 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में सुरक्षा बलों ने गुरुवार (20 मार्च) को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 नक्सलियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में डीआरजी (District Reserve Guard) के जवान राजू ओयाम भी शहीद हो गए। राजू ओयाम कभी नक्सली संगठन का हिस्सा थे, लेकिन 2020 में उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया और पुलिस बल में शामिल हो गए।

मुठभेड़ में 30 नक्सली ढेर, जवान ने दी शहादत

गुरुवार को बीजापुर और कांकेर जिले के घने जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भयंकर मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में DRG, CRPF और जिला बल के जवान शामिल थे। सुरक्षा बलों ने लगभग 30 नक्सलियों को मार गिराया, जबकि कई अन्य घायल हुए।

हालांकि, इस मुठभेड़ में DRG के बहादुर जवान राजू ओयाम ने अपनी जान गंवा दी। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने जानकारी देते हुए बताया, “मुठभेड़ के बाद 26 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। बाद में और चार शव मिले, जिससे मृतकों की संख्या 30 हो गई। जवान राजू ओयाम ने बहादुरी से लड़ते हुए शहादत दी।”

कभी नक्सली रहे राजू ओयाम ने चुनी मुख्यधारा

शहीद जवान राजू ओयाम का जीवन प्रेरणादायक है। वे पहले माओवादियों के संगठन का हिस्सा थे। वर्ष 2020 में उन्होंने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।

पुलिस बल में शामिल होने के बाद, उन्होंने पिछले 5 वर्षों में कई सफल नक्सल ऑपरेशनों में भाग लिया। वे अपनी बहादुरी और नक्सल विरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका के लिए जाने जाते थे।

राजू ओयाम बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के बोगदा गांव के निवासी थे। एक साल पहले ही उन्होंने पुलिस बल जॉइन किया था और नक्सल विरोधी अभियानों में भाग लेने लगे थे।

बीजापुर में नम आंखों से दी अंतिम विदाई

शुक्रवार (21 मार्च) को बीजापुर पुलिस लाइन में राजू ओयाम को अंतिम विदाई दी गई। उनके पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ लाया गया, जहां CRPF, DRG, जिला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे।

पुलिस अधिकारियों और जवानों ने शहीद को सलामी दी और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान माहौल गमगीन हो गया और परिवार के लोग अपने लाल को खोने के दुख में रो पड़े।

शहीद को दी गई श्रद्धांजलि

शुक्रवार को बीजापुर-दंतेवाड़ा क्षेत्र में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए DRG जवान राजू ओयाम को पुलिसकर्मियों ने श्रद्धांजलि दी।

पुलिस लाइन में हुए समारोह में अधिकारियों और जवानों ने शहीद को पुष्प अर्पित कर अंतिम सलामी दी। इसके बाद राजू ओयाम को उनके पैतृक गांव ले जाया गया, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद राजू ओयाम की बहादुरी और बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। एक समय नक्सली संगठन का हिस्सा रहे राजू ने मुख्यधारा में आकर देश सेवा का मार्ग चुना और अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकवादियों से लड़े। उनका बलिदान सुरक्षा बलों को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।

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