चार दिन में कैदी की मौत: बलौदाबाजार जेल में क्या हुआ उमेंद्र बघेल के साथ?

बलौदाबाजार की उप-जेल में बंद एक कैदी की इलाज के दौरान मौत हो गई जिससे उसके परिवार में शोक और गुस्सा दोनों फैल गया है। मृतक की पहचान उमेंद्र बघेल (34 वर्ष) के रूप में हुई है जो खैरी गांव थाना पलारी का निवासी था। उसे चार दिन पहले अवैध शराब से जुड़ी कार्रवाई के तहत पलारी पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उप-जेल बलौदाबाजार में रखा गया था। लेकिन जेल में आने के तीसरे ही दिन उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उमेंद्र को तबीयत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया जहां शनिवार शाम लगभग चार बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनके पति की हालत कई दिनों से खराब थी लेकिन जेल प्रशासन ने परिवार को इसकी जानकारी नहीं दी। उन्हें तब बताया गया जब उमेंद्र की मौत हो चुकी थी और पोस्टमार्टम भी कर लिया गया था। परिवार का यह भी कहना है कि उन्हें जबरदस्ती कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए जिससे उन्हें शक है कि कुछ छिपाया जा रहा है।
विधायक ने जताया दुख, निष्पक्ष जांच की मांग की
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कसडोल के विधायक संदीप साहू ने गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि यह साफ तौर पर जेल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का मामला लगता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करेगी ताकि सच्चाई सामने आ सके। विधायक ने सवाल उठाया कि जब किसी कैदी की हालत गंभीर थी तो उसके परिवार को जानकारी क्यों नहीं दी गई और आखिर किस वजह से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया इतनी जल्दी पूरी कर दी गई।
जिला प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
इस मामले में जिला प्रशासन की चुप्पी ने पूरे घटनाक्रम को और संदेहास्पद बना दिया है। परिजन लगातार सवाल उठा रहे हैं कि अगर समय पर उन्हें जानकारी दी जाती तो शायद वे उमेंद्र को देख पाते या इलाज के लिए कुछ और प्रयास कर सकते थे। उमेंद्र की पत्नी ने भावुक होकर कहा, “मुझे नहीं बताया गया कि वह तीन दिन से अस्पताल में है। जब बताया तब वह मर चुका था। अगर समय पर बताया होता तो शायद मैं उसे देख पाती।” फिलहाल प्रशासन का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।