नमाज़ विवाद पर सियासी घमासान, SP सांसद बोलीं – ‘2027 में UP सरकार को मिलेगा जवाब’!

रमजान के आखिरी जुमे को लेकर देश की राजनीति में एक नई जंग छिड़ गई है। सड़कों पर नमाज पढ़ने को लेकर भाजपा विधायकों की कार्रवाई की मांग पर अब समाजवादी पार्टी (एसपी) की सांसद इक़रा हसन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 2014 से भाजपा सरकार सिर्फ नफरत फैला रही है। उन्होंने कहा, “अब जब पूरा देश ‘सौगात-ए-मोदी’ की बात कर रहा है, तो मुसलमानों के लिए सबसे बड़ी सौगात उनके हक़ मिलना होगा। हमारे बुजुर्गों का खून इस मिट्टी में समाया है, हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे। तानाशाही हमेशा नहीं चलती।”
वक्फ संशोधन बिल पर भी बोला हमला
वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हुए इक़रा हसन ने कहा, “मैं खुश हूं कि कुछ सरकारी लोग भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार ऐसे तानाशाही फरमान वापस लेगी।” उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग इस बिल के खिलाफ काले बैंड पहनकर विरोध जता रहे हैं, जो उनकी नाराजगी का प्रतीक है।

सरकार मुसलमानों को बना रही है निशाना – इक़रा हसन
कैराना से सांसद इक़रा हसन ने सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ईद पर 10 मिनट की नमाज से किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए, लेकिन सरकार सिर्फ मुसलमानों को टारगेट कर रही है।” उन्होंने संभल के सीओ के बयान पर भी सवाल उठाए और कहा कि यूपी सरकार की तानाशाही का जनता 2027 में जवाब देगी।
फैजाबाद के एसपी सांसद अवधेश प्रसाद का बयान
फैजाबाद के एसपी सांसद अवधेश प्रसाद ने भी नमाज विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आज अलविदा की नमाज है, जो ईद से पहले पढ़ी जाती है। इसमें नमाज पढ़ने वाले अमन, भाईचारे और खुशहाली की दुआ करते हैं। यह हमारी परंपरा है, जिसे राजनीति का मुद्दा बनाना गलत है।”