छत्तीसगढ

राजनांदगांव में पुलिस भर्ती प्रक्रिया रद्द, अनियमितताओं के आरोप, जांच के दौरान कांस्टेबल ने की आत्महत्या

छत्तीसगढ़ सरकार ने जिला पुलिस बल कांस्टेबल कैडर चयन परीक्षा 2023-24 की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों के चलते इसे रद्द कर दिया है। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन भी किया है। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

अधिकारिक आदेश का इंतजार

हालांकि, राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मोहित गर्ग ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का आधिकारिक आदेश अभी तक राज्य सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, राजनांदगांव के 8वीं बटालियन में चल रही भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद 17 दिसंबर को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ लालबाग थाना, राजनांदगांव में मामला दर्ज किया गया।

भर्ती प्रक्रिया में चार जिलों के उम्मीदवार शामिल

16 नवंबर से राजनांदगांव, खैरागढ़-छुइखदान-गंडई, कबीरधाम (कवर्धा) और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिलों के उम्मीदवार इस भर्ती प्रक्रिया में भाग ले रहे थे।

जांच के दौरान कांस्टेबल ने की आत्महत्या

मामले की जांच के दौरान अब तक चार पुलिस कांस्टेबल, एक महिला उम्मीदवार और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच, मामले में नाम आने के बाद कांस्टेबल अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या कर ली। रत्नाकर ने आरोप लगाया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।

राजनांदगांव में पुलिस भर्ती प्रक्रिया रद्द, अनियमितताओं के आरोप, जांच के दौरान कांस्टेबल ने की आत्महत्या

एसआईटी करेगी आत्महत्या मामले की जांच

राजनांदगांव (रेंज) के पुलिस महानिरीक्षक दीपक झा ने रत्नाकर की आत्महत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है और 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच

एसपी मोहित गर्ग ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच का जिम्मा नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र नायक को सौंपा है। राजनांदगांव पुलिस की आंतरिक टीम की जांच में पता चला कि कई उम्मीदवारों के शारीरिक दक्षता प्रक्रिया में प्राप्त अंकों के साथ छेड़छाड़ की गई थी।

भर्ती प्रक्रिया रद्द होने पर राजनीतिक प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भर्ती प्रक्रिया रद्द करने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर उन्होंने लिखा, “आज सुशासन दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव जी के नेतृत्व में गृह मंत्री श्री विजय शर्मा जी ने राजनांदगांव पुलिस भर्ती मामले का त्वरित संज्ञान लेते हुए पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का सराहनीय निर्णय लिया है।”

उन्होंने आगे लिखा, “मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का निर्देश देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि इस सुशासन की सरकार में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

आत्महत्या से पहले कांस्टेबल ने लगाए गंभीर आरोप

कांस्टेबल अनिल रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को रामपुर गांव में फांसी पर लटका मिला। उनकी बाईं हाथ पर लिखा था कि भर्ती प्रक्रिया में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने कर्मचारियों को फंसाया है।

विपक्ष ने सरकार पर उठाए सवाल

राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

राजनांदगांव पुलिस भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं और कांस्टेबल की आत्महत्या ने राज्य में प्रशासनिक और राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया रद्द करना और मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करना सराहनीय कदम है। उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच के जरिए दोषियों को सजा दी जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सकेगा।

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