अंतर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री मोदी की सबसे व्यस्त विदेश यात्रा: 31 विश्व नेताओं और संगठनों से 5 दिनों में बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया 5 दिवसीय यात्रा, जिसमें उन्होंने तीन देशों—नाइजीरिया, ब्राजील और गयाना—का दौरा किया, भारतीय कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हुई। यह यात्रा न केवल उनकी सबसे व्यस्त विदेश यात्राओं में से एक थी, बल्कि कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद सफल रही। इन पांच दिनों में, प्रधानमंत्री ने 31 विश्व नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात की, जिससे भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नई मजबूती आई।

नाइजीरिया में हुई पहली द्विपक्षीय वार्ता

पीएम मोदी की यात्रा की शुरुआत नाइजीरिया से हुई, जहां उन्होंने अपनी पहली द्विपक्षीय वार्ता की। नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। इस यात्रा ने भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापार, ऊर्जा और विकास साझेदारी को और सुदृढ़ किया।

ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन में भागीदारी

नाइजीरिया के बाद पीएम मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन के दौरान, उन्होंने 10 देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं की। इनमें ब्राजील, इटली, फ्रांस, यूके, अर्जेंटीना, चिली, इंडोनेशिया, पुर्तगाल, नॉर्वे और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। खास बात यह रही कि इनमें से पांच देशों—इंडोनेशिया, पुर्तगाल, यूके, अर्जेंटीना और चिली—के राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी ने पहली बार बातचीत की।

प्रधानमंत्री मोदी की सबसे व्यस्त विदेश यात्रा: 31 विश्व नेताओं और संगठनों से 5 दिनों में बातचीत

गयाना में भारत-करिकॉम शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री की यात्रा का अंतिम चरण गयाना था, जहां उन्होंने भारत-करिकॉम (CARICOM) शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इसके अलावा, उन्होंने गयाना, डोमिनिका, बहामास, त्रिनिदाद और टोबैगो, सुरिनाम, बारबाडोस, एंटीगुआ और बारबुडा, ग्रेनेडा और सेंट लूसिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं की। इन वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य व्यापार, निवेश, शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना था।

महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ वार्ता

ब्राजील में जी-20 सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री ने न केवल देशों के नेताओं से बातचीत की, बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों से भी मुलाकात की। इनमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेसियस, विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला, और आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा शामिल थीं।

कूटनीतिक सफलताओं का विस्तार

पीएम मोदी की इस यात्रा ने भारत की कूटनीतिक ताकत को और मजबूत किया। नाइजीरिया, गयाना और डोमिनिका द्वारा पीएम मोदी को उनके सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाना इस बात का प्रमाण है कि भारत की वैश्विक छवि पहले से कहीं अधिक सशक्त हुई है।

भारत के हितों के लिए नई राह

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य केवल शिखर सम्मेलनों में भाग लेना नहीं था, बल्कि भारत के व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाना था। 31 देशों और संगठनों के साथ हुई चर्चाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और विकास के क्षेत्रों में सहयोग के नए आयाम खोले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। 5 दिनों की इस व्यस्त यात्रा ने न केवल भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और अधिक सशक्त किया। यह यात्रा साबित करती है कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल देश के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के विकास और समृद्धि के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।

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