अंतर्राष्ट्रीय

NEET आत्महत्या पर Palaniswami का आरोप – DMK ने छात्रों के सपनों को कुचला!

तमिलनाडु में 21 वर्षीय NEET छात्रा देवदर्शिनी की आत्महत्या ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। छात्रा ने आत्महत्या का कदम उस समय उठाया जब उसकी NEET परीक्षा ठीक से नहीं हो पाई थी और उसे डर था कि वह इस बार भी परीक्षा में सफल नहीं हो पाएगी। यह उसकी चौथी बार परीक्षा देने का प्रयास था, और लगातार असफलता के कारण वह मानसिक दबाव में थी। उसके बाद उसने चन्नई में आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे तमिलनाडु में NEET परीक्षा के दबाव और उसके परिणामों को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

राजनीतिक विवाद: AIADMK का DMK पर आरोप

 इस घटना के बाद AIADMK के नेता पलानीस्वामी ने राज्य की सत्ताधारी DMK और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर जमकर हमला बोला। पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि DMK के कारण तमिलनाडु में NEET परीक्षा के खिलाफ विरोध और आत्महत्याओं के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने दावा किया कि DMK ने ही NEET परीक्षा को लागू करने के लिए पहल की थी और मुख्यमंत्री स्टालिन का हाथ NEET परीक्षा में हो रही छात्राओं की मौतों के लिए जिम्मेदार है। पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखते हुए कहा कि “DMK ने ही NEET को लागू किया और इसके खिलाफ विरोध को दबाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गई थी।”

NEET आत्महत्या पर Palaniswami का आरोप – DMK ने छात्रों के सपनों को कुचला!

NEET को लेकर DMK का विरोध और पलानीस्वामी का आरोप

 पलानीस्वामी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि 2010 में जब कांग्रेस केंद्र में सत्ता में थी, तब DMK ने NEET विधेयक को पेश किया था। इसके बाद, 2013 में NEET परीक्षा पहली बार देशभर में आयोजित हुई। उन्होंने कहा कि इससे पहले हर राज्य की अपनी अलग मेडिकल प्रवेश परीक्षा होती थी, लेकिन DMK के कारण तमिलनाडु की अपनी मेडिकल प्रवेश परीक्षा खत्म कर दी गई और राज्य के छात्रों को NEET की कठिन परीक्षा में भाग लेना पड़ा। पलानीस्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि DMK ने इस मुद्दे पर विरोध नहीं किया, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में जाकर NEET परीक्षा को लागू करने की पैरवी की।

क्या कहा पलानीस्वामी ने?

 पलानीस्वामी ने कहा, “DMK ने न सिर्फ NEET की शुरुआत की, बल्कि इसके विरोध को दबाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी दखल दिया, जिससे तमिलनाडु के छात्रों के मेडिकल सपने समाप्त हो गए। अब DMK खुद कह रहा है कि अगर वह केंद्र में सत्ता में आता है, तो NEET को खत्म कर देगा।” इसके साथ ही पलानीस्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि तमिलनाडु में NEET के कारण हुई मौतों पर DMK ने कभी गंभीरता से विचार नहीं किया।

तमिलनाडु में NEET के कारण बढ़ रहे तनाव और आत्महत्या के मामलों ने इस मुद्दे को राजनीति में भी गर्मा दिया है और अब यह एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है।

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