छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर 11 हजार दीपों से सजा एकात्म पथ, आतिशबाजी ने आसमान को किया रंगीन

छत्तीसगढ़ के 24वें स्थापना दिवस और दीपावली के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साई ने नया रायपुर में 11 हजार दीपों के भव्य प्रज्वलन कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने मंत्रोच्चारण और विधि-विधान से दीप प्रज्वलित कर राज्य के समृद्धि, खुशहाली और विकास की कामना की। ऐसे आयोजन राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और एकता का प्रतीक होते हैं, जिनके माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रदर्शन किया गया। दीपों की रोशनी से नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ, जिससे राज्य का गौरव बढ़ेगा।

11,000 दीपों से सजे एकात्म पथ ने एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने राज्य की गौरवशाली संस्कृति और परंपरा को महसूस किया। छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर रंग-बिरंगी रोशनी, शानदार आतिशबाजी और मधुर संगीत ने एक विशेष मनमोहक माहौल बना दिया।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ विधायक पुरंदर मिश्रा भी उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के मौके पर नया रायपुर में दीपों की रोशनी के साथ भव्य आतिशबाजी और रंग-बिरंगी रोशनी से लोग रोमांचित हो उठे। एकात्म पथ के पास आकर्षक रंगोली भी सजाई गई थी। लोग फाउंडेशन डे के प्रतीकों के साथ सेल्फी पॉइंट पर सेल्फी लेते हुए देखे गए। एकात्म पथ पर दीपावली के अवसर पर श्रमिकों और सफाई कर्मचारियों को मिठाई भी वितरित की गई।

मिठाई बांटकर दी गई शुभकामनाएं

इस अवसर पर नया रायपुर के नव निर्मित सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट रेलवे स्टेशन के पास आयोजित एक कार्यक्रम में दीपावली के मौके पर श्रमिकों और सफाई कर्मचारियों को मिठाई वितरित की गई। इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने श्रमिकों के प्रति सम्मान और आभार प्रकट किया।

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश से अलग करके किया गया था। राज्य की स्थापना भारतीय प्रशासनिक और राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी और इसका उद्देश्य इस क्षेत्र का तीव्र विकास, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान की मान्यता और सुगम प्रशासनिक सुविधाएं प्रदान करना था।

एकात्म पथ पर दीपों की रोशनी और सांस्कृतिक झलक

छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस और दीपावली के अवसर पर एकात्म पथ पर दीपों की रोशनी ने मानो एक नई जीवन शक्ति का संचार किया। यह प्रकाश केवल दीपों का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, एकता और समृद्धि का प्रतीक भी था। हर ओर रोशनी की जगमगाहट और हर्षोल्लास का माहौल था, जिससे सभी लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला।

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर 11 हजार दीपों से सजा एकात्म पथ, आतिशबाजी ने आसमान को किया रंगीन

रंगोली, सेल्फी पॉइंट और संगीत से सजी शाम

कार्यक्रम में दीपों के साथ-साथ रंगोली भी सजाई गई थी, जिससे एकात्म पथ की सुंदरता में चार चांद लग गए थे। लोग यहां फाउंडेशन डे के प्रतीकों के साथ सेल्फी पॉइंट पर तस्वीरें लेते नजर आए, जिससे उनकी खुशी और गर्व का अनुभव किया जा सकता था। साथ ही, मधुर संगीत और पारंपरिक छत्तीसगढ़ी धुनों ने माहौल को और भी खास बना दिया। हर किसी ने इस अवसर का भरपूर आनंद उठाया और इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर खुद को छत्तीसगढ़ की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा महसूस किया।

मुख्यमंत्री का संदेश और संकल्प

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साई ने दीप प्रज्वलन के दौरान राज्य की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल परंपरा का निर्वाह नहीं है, बल्कि राज्य की एकता और विकास का संदेश भी देता है। दीपों की रोशनी से छत्तीसगढ़ का उज्ज्वल भविष्य प्रतीकात्मक रूप से झलकता है। यह आयोजन हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी मिलकर राज्य को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

छत्तीसगढ़ की संस्कृति और धरोहर का महत्व

इस तरह के आयोजन छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का प्रतीक हैं। एकात्म पथ पर दीप जलाना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन केवल दीपावली का उत्सव नहीं, बल्कि राज्य के लोगों के बीच एकता, भाईचारे और सहयोग का प्रतीक है। यह छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास और अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान का प्रतिबिंब है।

सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास

छत्तीसगढ़ की स्थापना के बाद से, राज्य ने अपने सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और प्रोत्साहन देने के कई प्रयास किए हैं। यह आयोजन उसी प्रयास का हिस्सा है, जिसमें राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर लाने का लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में गीत, संगीत, नृत्य, और कला का विशेष स्थान है, जो हर आयोजन में झलकता है।

राज्य की स्थापना का ऐतिहासिक महत्व

1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग किया गया था, तब इसका उद्देश्य इस क्षेत्र का समग्र विकास और स्थानीय पहचान को मान्यता देना था। इस ऐतिहासिक निर्णय से राज्य के लोगों को अपने अधिकार और स्वायत्तता का एहसास हुआ। आज छत्तीसगढ़ ने अपने विकास के क्षेत्र में कई नए आयाम स्थापित किए हैं, और राज्य का प्रत्येक नागरिक इसके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस और दीपावली के इस विशेष आयोजन ने पूरे राज्य में एकता और गर्व का माहौल पैदा कर दिया। दीपों की रोशनी से सजी एकात्म पथ पर हुए इस भव्य कार्यक्रम ने लोगों के मन में राज्य की संस्कृति, धरोहर और गौरव का सम्मान और अधिक बढ़ा दिया। यह आयोजन केवल उत्सव का माध्यम नहीं, बल्कि राज्य के समृद्ध इतिहास और भविष्य की दिशा का प्रतीक है।

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