छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ में अब ‘योगी मॉडल’, विष्णुदेव साय सरकार में हुआ पहला मुठभेड़

छत्तीसगढ़ राज्य में 8 नवम्बर, 2024 को दुर्ग पुलिस ने एक कुख्यात अपराधी अमित जोशी को मुठभेड़ में मार गिराया। इस मुठभेड़ ने राज्य में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया है। राज्य में अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बीच यह पहला बड़ा कदम है, जब विश्नुदेव साई के नेतृत्व में सरकार ने इस तरह के एक मुठभेड़ का साहसिक निर्णय लिया। इससे साफ प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ‘योगी मॉडल’ अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है, जैसा कि उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनाया था।

अमित जोशी: कुख्यात अपराधी और उसके कृत्य

अमित जोशी दुर्ग जिले का एक कुख्यात अपराधी था, जिस पर 36 से अधिक मामले दर्ज थे। इनमें हत्या, लूटपाट, और गोलीबारी जैसी गंभीर अपराध शामिल थे। लगभग चार महीने पहले, अमित जोशी ने तीन लोगों की गोली मारकर हत्या की थी, जिसके बाद से वह पुलिस से फरार था। पुलिस उसकी तलाश में थी और उसकी गिरफ्तारी के लिए 30 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।

अमित जोशी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन वह पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा था। शुक्रवार रात पुलिस को एक सूत्र से जानकारी मिली कि अमित जोशी भिलाई के पास किसी स्थान पर छिपा हुआ है। पुलिस ने तुरंत उस क्षेत्र को घेर लिया और जैसे ही अमित जोशी को पुलिस के घेरने का एहसास हुआ, उसने भागने की कोशिश की। लेकिन पुलिस के सामने आते ही अमित ने अपनी पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ का सिलसिला शुरू हुआ।

मुठभेड़ का घटनाक्रम

यह मुठभेड़ दुर्ग के जयन्ती स्टेडियम के पास जंगल और झाड़ियों के क्षेत्र में हुई। अमित जोशी ने फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के लिए स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई। पुलिस ने अपनी सुरक्षा के लिए अपनी गाड़ी का सहारा लिया और वहीं से फायरिंग का जवाब दिया। मुठभेड़ के दौरान करीब 8 से 10 राउंड की गोलीबारी हुई। पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने का मौका दिया, लेकिन अमित जोशी ने लगातार फायरिंग जारी रखी। पुलिस की ओर से की गई जवाबी गोलीबारी में अमित जोशी के दोनों पैरों में गोली लगी, लेकिन उसने आत्मसमर्पण नहीं किया। इसके बाद पुलिस ने एक और गोली चलाई, जो उसके पेट में लगी और वह वहीं ढेर हो गया।

छत्तीसगढ़ में अब 'योगी मॉडल', विष्णुदेव साय सरकार में हुआ पहला मुठभेड़

इस मुठभेड़ में पुलिस के एक वाहन को कुछ गोलियां लगीं, लेकिन किसी पुलिसकर्मी को कोई गंभीर चोट नहीं आई। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए अमित जोशी को ढेर कर दिया और उसका शव कब्जे में लिया।

राज्य सरकार और पुलिस का सख्त संदेश

यह मुठभेड़ राज्य की सरकार और पुलिस के लिए एक सख्त संदेश है, जिसमें कहा गया है कि अपराधियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस प्रशासन ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि जो अपराधी सुधरने का नाम नहीं लेंगे, उन्हें किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा। राज्य सरकार और पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि अपराधियों के खिलाफ कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी।

छत्तीसगढ़ में अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में राज्य में हुईं कई अपराधिक घटनाओं ने सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे, लेकिन अब इस मुठभेड़ से सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

योगी मॉडल की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़

यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है, क्योंकि यह राज्य सरकार की ओर से पहली बार अपराधियों के खिलाफ इस प्रकार की खुली मुठभेड़ हुई है। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की नीतियों को देखकर यह संभावना जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ सरकार भी अपराधों पर काबू पाने के लिए ‘योगी मॉडल’ को अपना सकती है।

‘योगी मॉडल’ में पुलिस के द्वारा अपराधियों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई की जाती है, जिससे अपराधियों में खौफ बना रहता है। उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार के तहत अपराधों में भारी गिरावट आई है, और अब छत्तीसगढ़ में भी इस प्रकार की नीति अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

राज्य में कानून-व्यवस्था पर उठते सवाल

हालांकि, इस मुठभेड़ के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल भी उठ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ में अपराधों की संख्या बढ़ी है, जिससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर संदेह जताया गया है। खासकर नक्सलवाद और अपराधों में बढ़ोतरी ने राज्य सरकार के लिए चुनौतियां उत्पन्न की हैं।

ऐसे में, राज्य सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपराधों की रोकथाम के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाए और पुलिस बल को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करे, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। इसके साथ ही, समाज में अपराधियों के प्रति भय पैदा करने के लिए सख्त सजा और त्वरित न्याय की व्यवस्था करनी होगी।

छत्तीसगढ़ में हुई अमित जोशी के मुठभेड़ को राज्य की सरकार और पुलिस की सख्त नीति के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना राज्य में बढ़ते अपराधों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के द्वारा उठाया गया एक अहम कदम है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या छत्तीसगढ़ सरकार ‘योगी मॉडल’ को अपनाती है और अपराधों के खिलाफ इसी प्रकार की और कार्रवाइयों को अंजाम देती है।

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