उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर हमले के लिए सेना को किया तैयार, ड्रोन विवाद बढ़ा
उत्तर कोरिया ने रविवार को अपनी सेना को आदेश दिया है कि वह दक्षिण कोरिया पर हमले के लिए तैयार रहे। यह घोषणा उस समय हुई है जब उत्तर कोरिया ने आरोप लगाया है कि दक्षिण कोरिया ने उसके राजधानी प्योंगयांग के ऊपर ड्रोन उड़ाए हैं। हालांकि, दक्षिण कोरिया ने इन आरोपों का खंडन किया है।
ड्रोन विवाद की पृष्ठभूमि
उत्तर कोरिया के आरोपों के अनुसार, दक्षिण कोरिया ने इस महीने तीन बार ड्रोन भेजे, जिनका उद्देश्य प्योंगयांग में प्रचार सामग्री गिराना था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा दोबारा हुआ, तो दक्षिण कोरिया को बल के माध्यम से जवाब दिया जाएगा। इस विवाद ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
उत्तर कोरिया का दावा
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि प्योंगयांग को अधिक ड्रोन उड़ान की संभावना दिख रही है और उसकी सेना को सभी परिदृश्यों के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है, जिसमें संघर्ष की स्थिति भी शामिल है। उत्तर कोरिया ने यह भी कहा है कि पिछले सप्ताह और इस सप्ताह की रात को दक्षिण कोरिया ने प्योंगयांग के ऊपर ड्रोन भेजे थे, जिसके लिए प्रतिशोध आवश्यक है।
दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया
दक्षिण कोरिया की संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा है कि वह उत्तर कोरिया के आरोपों की पुष्टि नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यदि उनके नागरिकों की सुरक्षा को खतरा होता है, तो उत्तर कोरिया को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। दक्षिण कोरिया की सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी रक्षा के लिए किसी भी कदम उठाने को तैयार है।
किम यो जोंग का चेतावनी
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने शनिवार को सियोल को “भयानक आपदा” की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि दक्षिण कोरियाई सेना एक एनजीओ द्वारा सीमा पार भेजे गए ड्रोन को पहचानने में विफल रहती है, तो इसके लिए वह जिम्मेदार होगी। किम यो जोंग की यह धमकी उत्तर कोरिया के आक्रामक रुख को और भी स्पष्ट करती है।
तनाव की बढ़ती स्थिति
यह घटनाक्रम दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच चल रहे तनाव का एक और उदाहरण है। पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है, जिसमें उत्तर कोरिया की लगातार मिसाइल परीक्षण और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास शामिल हैं। ऐसे में, ड्रोन विवाद ने स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।
संभावित परिणाम
यदि स्थिति इस प्रकार की बढ़ती रही, तो इसके कई संभावित परिणाम हो सकते हैं।
- सैन्य संघर्ष: यदि उत्तर कोरिया अपने आक्रामक रुख को जारी रखता है, तो संभावित सैन्य संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है।
- राजनयिक प्रयासों की विफलता: यदि दोनों पक्षों के बीच संवाद और सहयोग के प्रयास विफल होते हैं, तो यह एक गंभीर संकट का कारण बन सकता है।
- आर्थिक प्रभाव: क्षेत्र में बढ़ते तनाव का आर्थिक प्रभाव भी पड़ सकता है, खासकर उन देशों पर जो दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के निकट हैं।
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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया को भी जन्म दे सकती है। अमेरिका और अन्य देशों की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण होगी।