Sheikh Hasina के लिए नई मुश्किलें, भारत में छिपी पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ 5 हत्या के मामले बढ़ा रहे तनाव
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के सामने नई समस्याएं खड़ी हो गई हैं। उनके खिलाफ पांच नए हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) को Sheikh Hasina सहित 228 लोगों के खिलाफ हत्या, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की 5 नई शिकायतें मिली हैं। इन मामलों ने न केवल बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, बल्कि Sheikh Hasina की स्थिति को और जटिल बना दिया है, जो फिलहाल भारत में रह रही हैं।
बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के तहत 1973 के अंतरराष्ट्रीय अपराध अधिनियम के अनुसार, न्यायालय Sheikh Hasina पर उनकी अनुपस्थिति में भी मुकदमा चला सकते हैं। यह अधिनियम मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर गंभीरता से काम करता है, और इसके तहत किसी भी आरोपित को दोषी साबित करने के लिए ठोस सबूत की आवश्यकता होती है।
पहला मामला: छात्र की हत्या
20 जुलाई को मेमन सिंह-किशोरगंज राजमार्ग पर दो छात्रों नूर आलम सिद्दीकी राकिब और जुबैर की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में Sheikh Hasina सहित 64 लोगों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में जुबैर के पिता अनवर और राकिब के पिता अब्दुल हलीम ने Sheikh Hasina के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इन हत्याओं ने पूरे देश में व्यापक निंदा और आक्रोश पैदा किया, और परिवारों ने न्याय की मांग की है।
दूसरा मामला: ब्रैक विश्वविद्यालय के पास हत्या
धाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ICT के अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने पुष्टि की है कि Sheikh Hasina के खिलाफ रविवार को मुख्य अभियोजक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई है। इस मामले में मोहम्मद इदरीस की शिकायत पर Sheikh Hasina और 27 अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। 19 जुलाई को इदरीस के बेटे मारूफ हुसैन की ब्रैक विश्वविद्यालय के सामने हत्या कर दी गई थी। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है और Sheikh Hasina पर लगे आरोपों को और अधिक गंभीर बना दिया है।
तीसरा मामला: अज्ञात लोगों के साथ Sheikh Hasina पर आरोप
तीसरे मामले में शफीकुल इस्लाम सरकार ने Sheikh Hasina और अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। 19 जुलाई को उनके बेटे फैसल सरकार की उत्तरा अब्दुल्लापुर इलाके में हत्या कर दी गई थी। फैसल सरकार की हत्या के बाद स्थानीय लोगों में भी आक्रोश फैल गया और इस मामले ने राजनीतिक उथल-पुथल को और गहरा कर दिया है।
चौथा मामला: मिर्पुर चौक पर हत्या
चौथी शिकायत में महफूजुर रहमान की हत्या के मामले में Sheikh Hasina और 75 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। महफूजुर की 19 जुलाई को मिर्पुर चौक पर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस और अभियोजन पक्ष के लिए अपराधियों तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि आरोपी उच्च राजनीतिक और सामाजिक पदों पर बैठे हुए हैं।
पांचवां मामला: 13 वर्षीय छात्र की हत्या
13 वर्षीय मृत छात्र अमन नूर के पिता की शिकायत पर Sheikh Hasina सहित 57 लोगों के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। अमन की 5 अगस्त को उत्तरा आजमपुर में हत्या कर दी गई थी। उसी दिन, Sheikh Hasina ने प्रधान मंत्री और देश दोनों पदों से बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से Sheikh Hasina भारत में रह रही हैं, और उनके खिलाफ ये बढ़ते हुए मामले उनके भविष्य के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं।
राजनीतिक परिदृश्य और भविष्य की चुनौतियाँ
इन नए मामलों के चलते Sheikh Hasina के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल में पहले से ही बढ़ी हुई अस्थिरता और इन नए आरोपों ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया है। Sheikh Hasina की अनुपस्थिति में उनके खिलाफ मुकदमा चलाना न्यायालय और अभियोजन पक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन ICT के पास ऐसे मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार है।
Sheikh Hasina के खिलाफ ये नए मामले न केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं, बल्कि बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता के लिए भी खतरा बन सकते हैं। अब यह देखना होगा कि क्या Sheikh Hasina इन आरोपों से निपटने के लिए वापस लौटेंगी या वे भारत में ही रहेंगी, जहां से वे कानूनी लड़ाई लड़ने का प्रयास कर सकती हैं।