छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 19 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 9 पर था 28 लाख का इनाम

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को एक अहम घटनाक्रम सामने आया, जब 19 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन 19 नक्सलियों में से 9 पर कुल मिलाकर 28 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस आत्मसमर्पण के पीछे मुख्य कारण राज्य सरकार की ‘आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति 2025’ को बताया जा रहा है, जो नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रभावी रूप से काम कर रही है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटना पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पोस्ट में लिखा,
“छत्तीसगढ़ सरकार की नई ‘आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति – 2025’ से प्रभावित होकर बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के सामने कुल 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 9 नक्सलियों पर कुल 28 लाख रुपये का इनाम था।”

सीएम साय ने आगे लिखा,
“बस्तर में कैंसर रूपी नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोकने का काम हमारी डबल इंजन सरकार कर रही है। इसके दुष्चक्र में फंसे लोग अब समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं, जो स्वागत योग्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा तय है।”

नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर संभाग के दूर-दराज इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से जनता का सरकार पर विश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा,
“हमारी सरकार उन लोगों के पुनर्वास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जिन्होंने नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। यह सफलता सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत का परिणाम है, जिसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं।”

आत्मसमर्पण के पीछे मुख्य कारण

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने स्वीकार किया कि वे आंतरिक कलह, संगठन की विचारधारा से मोहभंग, निराशा और समाज की मुख्यधारा में लौटकर सुरक्षित पारिवारिक जीवन जीने की चाह के कारण हथियार डालने को मजबूर हुए।
सुरक्षा बलों के अनुसार,

  • संगठन के भीतर लगातार विरोधाभास और मतभेद बढ़ रहे थे।
  • नक्सलियों को सुरक्षा बलों की बढ़ती कार्रवाई और प्रभावशाली रणनीति के कारण बचना मुश्किल हो रहा था।
  • सरकार की आत्मसमर्पण नीति और पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।

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2025 में अब तक 84 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2025 में अब तक कुल 84 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके अलावा,

  • 137 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।
  • 56 माओवादी विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए हैं।

आत्मसमर्पण करने वालों को मिला प्रोत्साहन

सुरक्षा बलों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को राज्य सरकार द्वारा 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके अलावा, उन्हें पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।

नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ता कदम

छत्तीसगढ़ सरकार की नीति का असर यह है कि नक्सली अब संगठनों को छोड़कर मुख्यधारा में लौटने लगे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “राज्य सरकार और केंद्र सरकार की साझा रणनीति से बस्तर में नक्सलवाद की कमर टूट गई है। नई नीति से माओवादी लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित हो रही है।”

जनता में बढ़ रहा विश्वास

सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से आदिवासी इलाकों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।
सीएम साय ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाए, जिससे वहां के लोग विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।”

बीजापुर में 19 नक्सलियों का आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है, बल्कि यह नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। छत्तीसगढ़ सरकार की ‘आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति 2025’ के प्रभावी क्रियान्वयन और सुरक्षा बलों की सतर्कता के चलते माओवादियों का आत्मसमर्पण तेज हो रहा है। आने वाले समय में यह नीति नक्सलवाद पर पूरी तरह से लगाम लगाने में अहम भूमिका निभाएगी।

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