MP News: सुरक्षा कर्मियों की तत्परता, विधायक की जान बचाने में मददगार बने PSO
MP News: हाल ही में, इंदौर के राउ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मधु वर्मा अचानक बेहोश हो गए। इस दौरान, उनके व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) अरुण सिंह भदौरिया ने उन्हें सीपीआर देकर उनकी जान बचाई। यह घटना न केवल विधायक के जीवन के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने एक बार फिर सुरक्षा कर्मियों की तत्परता और उनके प्रशिक्षण की अहमियत को भी उजागर किया है।
घटना का विवरण
यह घटना 24 सितंबर की सुबह की है। विधायक मधु वर्मा अपने घर पर स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुन रहे थे। अचानक, वे बेहोश हो गए। उनके PSO अरुण सिंह भदौरिया और व्यक्तिगत सहायक, साथ ही अन्य लोग मौके पर मौजूद थे। सभी ने मिलकर विधायक को अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान, अरुण भदौरिया ने लगातार उन्हें सीपीआर देते रहे, जो कि उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
अस्पताल में उपचार
मधु वर्मा को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति की जांच की। जांच में पता चला कि विधायक के दिल में रुकावट है, जिसके कारण उन्हें एंजियोप्लास्टी करानी पड़ी। वर्तमान में, विधायक की स्थिति पहले से बेहतर है और वे अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री का दौरा
इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अस्पताल जाकर विधायक की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस मौके पर अरुण भदौरिया से भी मुलाकात की और उनकी सराहना की। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने मुख्यमंत्री को PSO द्वारा दी गई सीपीआर के बारे में जानकारी दी। इसके बाद, मुख्यमंत्री ने PSO को 50 हजार रुपये का पुरस्कार और बिना किसी पदोन्नति के प्रमोशन देने की बात कही।
CPR की महत्वता
अरुण सिंह भदौरिया ने बताया कि उन्हें सीपीआर देने की तकनीक प्रशिक्षण के दौरान सिखाई गई थी, जो अब बेहद काम आई। यह घटना इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे सही प्रशिक्षण और तत्परता किसी की जान बचा सकती है। CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) एक जीवन रक्षक तकनीक है जो तब इस्तेमाल की जाती है जब किसी का दिल धड़कना बंद कर देता है। इसे समय पर देने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
सुरक्षा कर्मियों का योगदान
यह घटना सुरक्षा कर्मियों के महत्व को भी दर्शाती है। जब भी कोई संकट या आपातकालीन स्थिति आती है, सुरक्षा कर्मियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। वे न केवल सुरक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि ऐसे समय में जीवन बचाने में भी मदद कर सकते हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सुरक्षा कर्मियों की भूमिका केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं होती, बल्कि वे जरूरत के समय में जीवन रक्षक भी बन सकते हैं।
आगे की कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने PSO की बहादुरी को देखते हुए यह सुनिश्चित किया कि उसे उचित पुरस्कार मिले। यह न केवल PSO के लिए, बल्कि सभी सुरक्षा कर्मियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। इसके साथ ही, यह सरकारी अधिकारियों को भी यह संदेश देता है कि वे अपने कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण दें ताकि वे आपातकालीन स्थितियों का सामना कर सकें।