फाइव स्टार सुविधा वाले मिनर्वा हॉस्पिटल में बेनाम बीमारियों के इलाज पर लूट, डेढ़ लाख रुपए से शुरू होता है मरीजों का इलाज
Rewa city. शहर में संचालित मिनर्वा अस्पताल इन दिनों मरीजों को 5 सितारा होटल के जैसी सुविधा देने को लेकर जानी जाती है जिसमें लक्जरी रूम एसी के साथ और वीआईपी बेड तथा सोफे की व्यवस्था बनाई गई है जैसे कि आमतौर पर 5 सितारा होटल में देखने को मिलता है। परंतु 5 सितारा होटल में कमी आती है भोजन के स्वाद में बस उसी प्रकार मिनर्वा अस्पताल में आए मरीजों को इलाज की गारंटी नहीं मिलती कि मरीज यहां से बेहतर स्वास्थ लेकर ही बाहर जाएगा जबकि छोटी से छोटी बीमारी का भी उसे लाखों रुपए अदा करना होता है। जिसके चलते कभी कभी तो लोगों के मन में यह ख्याल भी आ जाता है कि जब फैसिलिटी होटल की ही रखनी थी तो आखिर अस्पताल खोलने की आवश्यकता क्यों पड़ी
नियमों की अवहेलना करता प्रबंधन
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने हालही में एडवाइजरी भी जारी की थी कि निजी अस्पतालों को मरीजों से इलाज के नाम पर की जा रही मनमाना वसूली से बचना होगा जिसके लिए वह अपने अस्पताल के इलाज की रेट सूची रिसेप्शन पर चस्पा करवाए मगर रीवा में स्थित मिनर्वा अस्पताल के प्रबंधन के द्वारा जारी की गई सरकारी गाइडलाइन का पालन न करते हुए नियमों को दरकिनार कर लगातार उसकी अवेहलना की जा रही है जिससे आमजन को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। और अस्पताल प्रबंधन इलाज कराने आए मरीजों को मनमाना बिल थमाकर लुट रहे हैं। मिनर्वा अस्पताल वैसे तो मरीजों को फाइव स्टार होटल वाली सुविधा उपलब्ध कराता है परंतु इस सुविधा के दिखावे का फायदा उठाते हुए लोगों को अपनी ठगी का शिकार भी बनाता है
मोटी रकम वसूल ड्यूटी बजा रहे सरकारी डॉक्टर
जानकारी के मुताबिक शहर के हृदय स्थल में स्थित मिनर्वा अस्पताल में मुख्य रूप से हार्ट और न्यूरो संबंधी इलाज किए जाते हैं जहां सरकारी अस्पताल में तैनात चिकित्सक अपनी सेवाएं देते हुए अस्पताल से मोटी रकम ले कर जाते हैं। वहीं जिले में इन बीमारियों संबंधित कोई भी सरकारी या प्रायवेट अस्पताल नहीं है क्योंकि सरकारी डॉक्टर तो स्वयं यहीं इलाज करते हैं तो सरकारी दवाखाने के मरीजों पर वह दिलचस्पी क्यों दिखाए ऐसे में तमाम मरीजों को इस तरह से रोग के इलाज के लिए मिनर्वा अस्पताल का ही दरवाजा खटखटाना पड़ता है जिससे अपनी अहमियत को समझते हुए अस्पताल प्रबंधन फिर मरीजों को मनमाना राशि बताकर लूटने का काम करता है।
1 घंटे के इलाज में बनाते हैं 1 लाख रुपए का चार्ज
आपको बता दें मिनर्वा अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को कम से कम कुल इलाज के एवज में 10 से 20 लाख रुपए की भरपाई करनी पड़ती है क्योंकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज को भर्ती करने के साथ पहले एक घंटे में 1 लाख का चार्ज बनना तय है जिससे वह सरकार को सेवाएं देने वाले डॉक्टरों को अपने अस्पताल में बुलाकर उनकी मर्जी के मुताबिक रकम अदा कर सके जिसकी खातिर अस्पताल प्रबंधन को प्रति मरीज एक घंटा के हिसाब से एक लाख रूपये का बिल तैयार करना पड़ता है जिससे अस्पताल के अंदर गरीब इंसान की लाश तक से सौदे हो जाते हैं।
काउंटर से गायब है रेट सूची
बताया जा रहा है कि मिनर्वा अस्पताल प्रबंधन द्वारा निजी अस्पताल को लेकर जो भी गाइडलाइन बनाई गई उन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर मनमाना तरीके से अस्पताल का संचालन किया जा रहा है तथा अस्पताल के रिसेप्शन में रेट सूची भी नहीं लगाई गई है जिससे मरीज यह तय कर सके कि वह अपना इलाज इसी अस्पताल में कराए या न कराए।