मायावती का बड़ा ऐलान, उत्तराधिकारी को लेकर जारी किए नए दिशा-निर्देश
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बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक अहम संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने पार्टी की विचारधारा को स्पष्ट करते हुए कहा कि BSP में न तो स्वार्थ का स्थान है और न ही रिश्तों का। बहुजन समाज के हित सर्वोपरि हैं।
मायावती का संकल्प: आखिरी सांस तक संघर्ष जारी रहेगा
मायावती ने कहा, “मान्यवर कांशीराम जी की शिष्या और उत्तराधिकारी के रूप में, मैं भी उनके बताए मार्ग पर चलते हुए अंतिम सांस तक संघर्ष जारी रखूंगी। मेरा संकल्प है कि बहुजन समाज को राजनीतिक गुलामी और सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि BSP में उत्तराधिकारी वही बन सकता है, जो पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ पार्टी और आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हर त्याग करने को तैयार हो।
1. बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवाँ को सत्ता तक पहुँचाने हेतु, मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है।
— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2025
पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी कार्यकर्ताओं से अपील
BSP सुप्रीमो ने पार्टी के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ पार्टी को मजबूत करें। उन्होंने कहा, “BSP में अनुशासन सर्वोपरि है। हर कार्यकर्ता को तन, मन और धन से पार्टी को आगे बढ़ाने में जुटना होगा।”
आकाश आनंद: BSP के उत्तराधिकारी बनने की कहानी
मायावती के भतीजे आकाश आनंद को दिसंबर 2023 में पहली बार पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान, मायावती ने उन्हें “अपरिपक्व” बताते हुए उत्तराधिकार की जिम्मेदारी से हटा दिया था।
हालांकि, इसके कुछ ही हफ्तों बाद, जून 2024 में, मायावती ने BSP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दोबारा आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इस बैठक के दौरान, आकाश आनंद ने मायावती के पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया था।
आकाश आनंद के ससुर को BSP से निकाला गया
हाल ही में, फरवरी 2025 में, मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को BSP से निष्कासित कर दिया। पार्टी से निकाले जाने के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इस फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
इशान आनंद भी आए चर्चा में
मायावती के जन्मदिन के मौके पर लखनऊ में उनके एक और भतीजे इशान आनंद भी नजर आए। इस दौरान मायावती ने इशान को आशीर्वाद दिया, जिससे यह कयास लगाए जाने लगे कि क्या भविष्य में BSP की कमान इशान आनंद को भी सौंपी जा सकती है।
BSP में उत्तराधिकारी को लेकर मंथन जारी
BSP में उत्तराधिकारी को लेकर पिछले कुछ महीनों से लगातार चर्चा बनी हुई है। मायावती ने अपनी पोस्ट में यह तो साफ कर दिया कि उत्तराधिकारी वही बनेगा, जो कांशीराम के बताए रास्ते पर चलेगा और पूरी निष्ठा से पार्टी के लिए काम करेगा।
हालांकि, आकाश आनंद को लेकर BSP के भीतर ही मतभेद नजर आ रहे हैं। कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें पार्टी का चेहरा मान रहे हैं, तो कुछ उनके अनुभवहीन होने की बात कर रहे हैं।
BSP की रणनीति: मिशन 2027 पर फोकस
उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। BSP अब अपनी रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी ने संगठन को मजबूत करने और दलित वोटबैंक को फिर से साधने की योजना बनाई है।
मायावती ने इस पोस्ट के जरिए अपने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें पार्टी को और मजबूत करने के लिए पूरी मेहनत करनी होगी। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब लोकसभा चुनावों में BSP का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा था।
क्या आकाश आनंद BSP को नई ऊंचाइयों तक ले जा पाएंगे?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या आकाश आनंद BSP को नए मुकाम तक ले जा पाएंगे? क्या वे कांशीराम और मायावती की विरासत को संभालने में सफल होंगे?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आकाश आनंद के नेतृत्व में BSP को नई रणनीति अपनानी होगी। दलित वोटबैंक के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और मुस्लिम समुदाय को भी पार्टी से जोड़ना होगा।
मायावती का यह बयान पार्टी के भीतर और बाहर कई संकेत दे रहा है। एक तरफ, उन्होंने उत्तराधिकारी के लिए स्पष्ट शर्तें रखी हैं, वहीं दूसरी तरफ, उन्होंने कार्यकर्ताओं को भी पार्टी के प्रति समर्पण दिखाने का संदेश दिया है।
आने वाले दिनों में BSP में क्या बदलाव होंगे और क्या आकाश आनंद अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से निभा पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी।