मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी के बयान पर विरोध, मंत्री विशाल कैलाश सारंग का कड़ा आरोप

भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बेटी द्वारा होली खेलने पर मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने जो बयान दिया, उसे लेकर राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है। मध्य प्रदेश के खेल मंत्री विशाल कैलाश सारंग ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इस मामले में विपक्षी नेताओं से जवाब मांगते हुए कहा कि इस प्रकार के बयान राष्ट्र विरोधी हैं और उन्हें खारिज किया जाना चाहिए।
मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी का विवादास्पद बयान
मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने हाल ही में मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि एक मुस्लिम लड़की को इस तरह के पर्व नहीं खेलने चाहिए। इस बयान ने समाज में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की और इसे धार्मिक ताने-बाने में हस्तक्षेप करने वाला बताया गया। रज़वी के इस बयान ने न केवल क्रिकेट जगत बल्कि समाज के हर वर्ग में नाराजगी पैदा की।
विशाल कैलाश सारंग का कड़ा बयान
मध्य प्रदेश के खेल मंत्री विशाल कैलाश सारंग ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रज़वी का बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी जैसे लोगों ने मोहम्मद शमी को पहले धमकी दी थी, अब जब उसकी छोटी बेटी होली खेल रही है, तो उन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यह धार्मिक उग्रवाद और कट्टरपंथिता की हद पार कर गया है।”
सारंग ने कहा कि मोहम्मद शमी ने देश के लिए क्रिकेट में अपनी मेहनत से नाम कमाया है और ऐसे समय में उसे और उसके परिवार को धमकी दी जा रही है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि इस तरह के धमकियों से उस बच्ची का मानसिक स्थिति क्या हो सकती है।
देश के प्रति निष्ठा पर मंत्री का बयान
विशाल कैलाश सारंग ने बयान दिया कि चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, देश की खातिर हर किसी को एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “मोहम्मद शमी ने देश के लिए क्रिकेट खेला और उसे धमकाया गया कि वह रमजान के दौरान पानी क्यों पीते हैं। मैं यह बताना चाहता हूँ कि चाहे वह हिंदू धर्म हो या इस्लाम, दोनों ही धर्मों में यह कहा गया है कि देश सबसे ऊपर है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब एक व्यक्ति अपने देश के लिए खेलता है तो उसे धमकी देना गलत है, खासकर जब वह धमकी एक छोटी बच्ची को दी जाए, जो केवल होली खेल रही थी। “होलिका और अन्य सांस्कृतिक पर्व हर भारतीय की धरोहर हैं, तो फिर एक छोटी लड़की को इसपर क्यों निशाना बनाया जा रहा है?” उन्होंने सवाल उठाया।
विपक्षी नेताओं से प्रतिक्रिया की मांग
विशाल कैलाश सारंग ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं से भी अपील की कि वे मौलाना रज़वी के बयान का विरोध करें। उन्होंने कहा, “प्रियंका गांधी और राहुल गांधी हमेशा बेटियों के बचाव की बात करते हैं, तो अब यह वक्त है कि वे इस छोटी बच्ची की रक्षा के लिए सामने आएं।”
सारंग ने आगे कहा कि जिस प्रकार से इस बच्ची को धमकियाँ दी जा रही हैं, वह बेहद चिंता का विषय है और इस पर विपक्षी नेताओं को भी अपनी आवाज उठानी चाहिए। “कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को इस बयान का विरोध करना चाहिए और यह साबित करना चाहिए कि वे वास्तव में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए खड़े हैं,” उन्होंने कहा।
मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी का बयान न केवल समाज में विवाद पैदा करने वाला था, बल्कि इसने भारतीय समाज में धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता को भी एक बार फिर से उजागर किया। विशाल कैलाश सारंग का कड़ा बयान इस बात का प्रतीक है कि इस प्रकार की घृणा फैलाने वाली मानसिकता को नकारा जाना चाहिए। अब यह देखना होगा कि विपक्षी नेता इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और समाज में फैली नफरत को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।