Madhya Pradesh News: उज्जैन कलेक्टर ने शिप्रा नदी में 14 किलोमीटर तक किया नाव से सफर, जानें क्या था मकसद?

Madhya Pradesh News: उज्जैन जिले के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने हाल ही में शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण किया और प्रशासन की मंजूरी के बाद घाटों के निर्माण की योजना को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की। इस निरीक्षण में कलेक्टर के साथ जिला पंचायत के सीईओ और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। यह कदम विशेष रूप से आगामी महाकुंभ ‘सिंहस्थ 2028’ के लिए तैयारियों के तहत उठाया गया है, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप्रा नदी में स्नान करने आएंगे।
शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण: कलेक्टर की यात्रा
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बुधवार, 8 जनवरी 2025 को सुबह 7 बजे घने कोहरे के बीच शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण शुरू किया। उन्होंने लगभग 29 किलोमीटर लंबे शिप्रा नदी के घाटों का दौरा किया और प्रत्येक स्थान का जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर ने यह सुनिश्चित किया कि आगामी सिंहस्थ मेले के लिए पर्याप्त सुविधाएं और व्यवस्था हो, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए स्नान की सुविधा उपलब्ध हो सके।
घाटों के निर्माण की योजना: सिंहस्थ 2028 के लिए तैयारियां
मध्य प्रदेश सरकार के प्रमुख डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में सिंहस्थ 2028 के लिए शिप्रा नदी के घाटों के निर्माण की योजना को मंजूरी दी है। इस बार 2016 के मुकाबले लगभग दोगुनी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, और ऐसे में नदी के किनारे घाटों का निर्माण आवश्यक है। इन घाटों का निर्माण शनि मंदिर से लेकर नागदा बाईपास तक 29 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में किया जाएगा।
29 किलोमीटर लंबे घाटों का निर्माण: प्रशासन की मंजूरी
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने घाटों के निर्माण के लिए प्रशासनिक मंजूरी प्राप्त करने के बाद अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। कलेक्टर ने बताया कि इस निरीक्षण के दौरान घाटों के निर्माण के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, जो सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि घाटों का निर्माण किस प्रकार किया जाएगा और किस योजना के तहत उन्हें लागू किया जाएगा।
नए घाटों का निर्माण: 14.5 किलोमीटर लंबा गहरा होगा एक घाट
उज्जैन कलेक्टर ने बताया कि शिप्रा नदी के किनारे एक तरफ 14.5 किलोमीटर लंबा गहरा घाट निर्माण किया जाएगा। इसके बाद इस क्षेत्र में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, नई घाटों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2016 के मुकाबले दोगुनी हो सकती है, इसलिए घाटों का निर्माण अधिक संख्या में लोगों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
सिंहस्थ मेले के लिए सुविधाओं की तैयारी: श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था
सिंहस्थ मेला हर 12 साल में एक बार उज्जैन में आयोजित होता है, और यह एक विशाल धार्मिक आयोजन होता है जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस बार सिंहस्थ 2028 के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी का अनुमान है। ऐसे में प्रशासन ने घाटों के निर्माण के साथ-साथ अन्य जरूरी व्यवस्थाओं की योजना बनाई है, जैसे कि नदी में स्नान करने की बेहतर व्यवस्था, जल आपूर्ति, सफाई, और सुरक्षा। कलेक्टर ने इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों से अपील की है कि वे सभी तैयारियों को समय से पूरा करें ताकि मेला बिना किसी समस्या के सुचारू रूप से चल सके।
सरकार की प्रतिबद्धता: उज्जैन को साफ-सुथरा और व्यवस्थित बनाना
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सरकार का उद्देश्य न केवल घाटों का निर्माण करना है, बल्कि शिप्रा नदी को स्वच्छ और सुरक्षित बनाना भी है। प्रशासन नदी के आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान भी चलाएगा और नदी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएगा। इसके साथ ही, नदी की सतह पर कचरे और अन्य अवशेषों की सफाई के लिए कार्य किया जाएगा ताकि पानी की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके।
सिंहस्थ 2028 के लिए प्रशासनिक तैयारियां
सिंहस्थ 2028 के आयोजन को लेकर प्रशासन ने पहले से ही व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रशासन ने घाटों के निर्माण और अन्य सुविधाओं के लिए योजना बनाई है। यह कदम उज्जैन के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि इस आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि सिंहस्थ मेला सुरक्षित और आरामदायक हो, और श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो।
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण और आगामी सिंहस्थ 2028 के लिए घाटों के निर्माण की योजना प्रशासन की गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इन घाटों का निर्माण श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक होगा और इस प्रकार उज्जैन के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ावा मिलेगा। कलेक्टर की ओर से की जा रही तैयारियां यह सुनिश्चित करेंगी कि सिंहस्थ मेला बिना किसी समस्या के सफलतापूर्वक आयोजित हो सके और श्रद्धालुओं को एक स्वच्छ, सुरक्षित और आरामदायक अनुभव प्राप्त हो।