Madhya Pradesh News: महाकाल मंदिर के पास तकिया मस्जिद पर बुलडोजर, 257 घर किए गए जमींदोज
Madhya Pradesh News: शनिवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस प्रशासन द्वारा एक बड़ी कार्रवाई देखने को मिली। महाकाल लोक के पास स्थित निज़ामुद्दीन कॉलोनी में 257 मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। इस कॉलोनी के बीच स्थित तकिया मस्जिद पर भी बुलडोजर चलाया गया। मस्जिद को तोड़ने के लिए तीन बुलडोजरों का उपयोग किया गया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान 200 से अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की तैनाती की गई।
दो हेक्टेयर से अधिक भूमि होगी खाली
जानकारी के अनुसार, महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए दो और एक चौथाई हेक्टेयर भूमि को खाली कराया जा रहा है। इस भूमि पर निज़ामुद्दीन कॉलोनी बसी हुई थी, जिसमें सभी मकानों को गिराया जा रहा है। इस भूमि का उपयोग महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किया जाएगा। प्रस्तावित योजना में यहां वाहन पार्किंग बनाने का सुझाव है। इसके अलावा, 2028 में होने वाले सिंहस्थ मेले को ध्यान में रखते हुए भी इस भूमि का उपयोग किया जा सकता है।
अतिरिक्त एसपी का बयान
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नितेश भार्गव ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो रही है। तकिया मस्जिद को हटाने से पहले धार्मिक नेताओं से बातचीत कर आपसी सहमति बनाई गई। इसी दौरान एडीएम अनुकुल जैन ने बताया कि 257 में से लगभग 100 निर्माण हटाए जा चुके हैं और कार्रवाई जारी है। धार्मिक स्थल को भी शांतिपूर्ण ढंग से हटा दिया गया है।
महाकाल मंदिर के लिए भूमि खाली कराई जा रही
खाली की गई भूमि का उपयोग महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किया जाएगा। यहां या तो पार्किंग बनाई जाएगी या अन्य सुविधाजनक कार्य किए जाएंगे। इस कार्रवाई से पहले शुक्रवार रात को पुलिस प्रशासन ने सार्वजनिक घोषणा की थी। एएसपी नितेश भार्गव और एसडीएम लक्ष्मी नारायण गर्ग ने निवासियों से घर खाली करने की अपील की और शांति बनाए रखने का आग्रह किया। इस दौरान कुछ निवासियों ने स्वेच्छा से अपने घरों को गिराना शुरू कर दिया।
महाकाल विस्तार योजना के तहत कार्य
महाकाल विस्तार योजना के तहत इस भूमि पर निर्माण कार्य किया जाएगा। एसडीएम लक्ष्मी नारायण गर्ग ने बताया कि निवासियों को मुआवजा भी दिया जा रहा है। हाईकोर्ट ने निवासियों की अपील को खारिज कर दिया है। यह पूरी भूमि लगभग दो और एक चौथाई हेक्टेयर की है, जिसे खाली कराया जाना है। स्थानीय निवासियों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं। मुआवजे के रूप में कुल 66 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जिसमें से 32 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।
शांतिपूर्ण तरीके से हटाए गए निर्माण
प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि पूरी प्रक्रिया शांति और आपसी समझ के साथ पूरी हो। धार्मिक स्थल तकिया मस्जिद को हटाने से पहले धार्मिक नेताओं के साथ बातचीत की गई। प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
महाकाल लोक के विकास की दिशा में कदम
महाकाल मंदिर के विस्तार और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा इस प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। आने वाले समय में इस भूमि पर पार्किंग सुविधा या अन्य जरूरी निर्माण कार्य किए जाएंगे। सिंहस्थ मेले को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
निवासियों के लिए मुआवजे की व्यवस्था
प्रशासन ने इस बात का ध्यान रखा है कि जिन लोगों के घर टूट रहे हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। 66 करोड़ रुपये के मुआवजे में से अब तक 32 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। इसके अलावा, प्रशासन ने निवासियों को शांति बनाए रखने की अपील की है।
महाकाल मंदिर विस्तार का महत्व
महाकाल मंदिर न केवल उज्जैन बल्कि पूरे भारत के श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थान है। इसके विकास और विस्तार के साथ यहां आने वाले लाखों भक्तों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। यह योजना उज्जैन को एक नए धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
इस प्रकार, प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम को महाकाल मंदिर के विस्तार और उज्जैन के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।