Madhya Pradesh News: एपेक्स बैंक भर्ती घोटाला मंत्री विश्वास सारंग का कांग्रेस पर पलटवार, बोले- ‘संजय भटनागर मेरे ओएसडी हैं…’
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने एपेक्स बैंक भर्ती में कथित घोटाले का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के मंत्री विश्वास सारंग पर निशाना साधते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक अखबार की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि एपेक्स बैंक में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि बिना अंक दिए सीधे इंटरव्यू से मेरिट लिस्ट जारी कर भर्ती की गई।
कांग्रेस का आरोप: मंत्री के करीबी शामिल
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री विश्वास सारंग के ओएसडी और उनके रिश्तेदारों को भर्ती में शामिल किया गया, जबकि अन्य योग्य युवाओं के सपनों को कुचल दिया गया।
मंत्री विश्वास सारंग का जवाब
इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें आधारहीन बताया। उन्होंने कहा, “संजय भटनागर मेरे ओएसडी नहीं हैं। एपेक्स बैंक में खाली पदों के लिए लिखित परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी। यह परीक्षा आईबीपीएस (इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन) के माध्यम से नियमों के अनुसार हुई।”
भर्ती प्रक्रिया पर दी सफाई
सारंग ने कहा, “आईबीपीएस एक ऐसा संगठन है जो आरबीआई, कमर्शियल बैंकों, नाबार्ड, आरआरबी आदि के कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया आयोजित करता है। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को मिलाकर मेरिट सूची तैयार की जाती है। मेरिट केवल लिखित परीक्षा के आधार पर नहीं बनाई जाती।”
कांग्रेस के आरोपों को बताया निराधार
सारंग ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए अन्य आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, “प्रथम गुप्ता एमडी मनोज कुमार गुप्ता के भतीजे नहीं हैं और उनके कोई रिश्तेदार परीक्षा में शामिल नहीं हुए। सेवानिवृत्त संयुक्त रजिस्ट्रार एसएन कोरी की कोई बेटी मोना नहीं है। उनकी केवल एक बेटी सुनीता कोरी है, जो 42 वर्षीय विधवा हैं और परीक्षा में शामिल नहीं हो सकतीं।”
सारंग ने कहा, “एपेक्स बैंक के ओएसडी अरुण मिश्रा के किसी भी रिश्तेदार ने परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया है और न ही संकल्प मिश्रा उनके भतीजे हैं। एपेक्स बैंक भर्ती चयन प्रक्रिया को लेकर लगाए गए आरोप पूरी तरह से भ्रामक और आधारहीन हैं।”
फैक्ट चेक विभाग का बयान
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के फैक्ट चेक विभाग ने भी अखबार की रिपोर्ट को भ्रामक करार दिया है।
दिग्विजय सिंह ने की जांच की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “यह बहुत बड़ा घोटाला है, इसकी जांच होनी चाहिए। अगर मंत्री का दावा है कि यह फर्जी खबर है, तो मंत्री को यह भी बताना चाहिए कि सच्चाई क्या है। मंत्रीजी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि भर्ती हुई है या नहीं।”
कमलनाथ ने क्या कहा?
कमलनाथ ने अपने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “मध्य प्रदेश में हर दिन एक नया घोटाला सामने आ रहा है। मोहन यादव सरकार घोटालों की सरकार बन चुकी है। एपेक्स बैंक भर्ती घोटाला भी घोटालों की इस कड़ी में जुड़ गया है। आरोप लगाया जा रहा है कि सत्ता में बैठे लोगों ने अपने परिवारजनों को नियमों को ताक पर रखकर भर्ती करने की साजिश की। सवाल यह है कि मुख्यमंत्री इन घोटालों पर पूरी तरह चुप क्यों हैं? क्या सरकार और प्रशासन की बागडोर उनके हाथों से निकल चुकी है, या वे खुद इसमें भागीदार हैं?”
एपेक्स बैंक भर्ती घोटाले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां एक ओर कांग्रेस इसे बड़ा घोटाला बताते हुए जांच की मांग कर रही है, वहीं दूसरी ओर मंत्री विश्वास सारंग ने इसे पूरी तरह से आधारहीन और भ्रामक करार दिया है। इस मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।