मध्य प्रदेश

Madhya Pradesh: ‘मैं कांग्रेस से आए लोगों को कभी स्वीकार नहीं करूंगा’, आखिर क्यों बोले भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह?

मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह के सागर में दिए गए बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सागर में आयोजित दिवाली मिलन समारोह के दौरान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वे कांग्रेस से आए हुए लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे पार्टी उन्हें स्वीकार करे या न करे, लेकिन वे व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस से आए लोगों को कभी भी पार्टी में नहीं अपनाएंगे।

खुरई विधानसभा क्षेत्र में चुनावी संघर्ष की कहानी

भूपेंद्र सिंह ने कहा, “मैंने खुरई से चुनाव लड़ा। उस समय खुरई में इतनी अन्याय और अत्याचार की स्थिति थी कि कोई भी भाजपा कार्यकर्ता पार्षद का फॉर्म तक नहीं भर सकता था। लोग सरपंच और विधायक के फॉर्म भरने से डरते थे। मेरा खुरई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं था। मैं पहले सुरखी से चुनाव लड़ता था और फिर सांसद बन गया था। पार्टी ने मुझसे कहा कि मुझे खुरई से चुनाव लड़ना है, चाहे मेरे पास तैयारी हो या नहीं। पार्टी के निर्देशानुसार, मैंने चुनाव में हिस्सा लिया और कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण जीत हासिल की।”

कांग्रेस के उत्पीड़न का आरोप

इस दौरान भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोगों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर बहुत अत्याचार किया। उन्होंने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लोगों ने मतदान बूथों पर घुसकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। उन्होंने कहा, “72 कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे और सभी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। ऐसे लोगों को पार्टी में स्वीकार करना चाहिए या नहीं? पार्टी उन्हें स्वीकार करे या न करे, लेकिन मैं उन्हें पार्टी में कभी स्वीकार नहीं करूंगा।”

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कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी

भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें अपने उन कार्यकर्ताओं के प्रति जिम्मेदारी महसूस होती है जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, “उन कार्यकर्ताओं ने हमेशा हमारे साथ लड़ाई की और कभी हार नहीं मानी। आज जब वे कार्यकर्ता अपनी समस्याएं लेकर हमारे पास आते हैं, तो क्या हमें उनसे यह कहना चाहिए कि वे सुरखी विधानसभा क्षेत्र के हैं, इसलिए उनके साथ संबंध नहीं रखना चाहिए? हमें इतनी इंसानियत और नैतिकता होनी चाहिए कि हम उनके साथ कम से कम एक कप चाय पीने का आमंत्रण तो दे सकें।”

कॉल डिटेल्स निकालने पर जताई नाराजगी

पिछले पांच दिनों से पूर्व गृह मंत्री और विधायक भूपेंद्र सिंह एक और मुद्दे पर चर्चा में हैं। 6 नवंबर को जिला योजना समिति की बैठक में उन्होंने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के सामने यह मुद्दा उठाया कि पुलिस बिना एसपी और आईजी की अनुमति के कुछ लोगों के फोन नंबर और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) निकाल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसका गलत उपयोग किया जा रहा है और पुलिस का यह कदम कार्यकर्ताओं पर दबाव बना रहा है।

भूपेंद्र सिंह के इस बयान से राजनीतिक हलचल और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस से आए लोगों को पार्टी में न अपनाने की उनकी व्यक्तिगत राय ने कई सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही, पुलिस के कॉल डिटेल्स निकालने के मामले को उठाकर उन्होंने यह संदेश दिया कि वे अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति गंभीर हैं। भाजपा के लिए यह मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील है और आने वाले समय में इस पर पार्टी की स्थिति और रणनीति पर नजर बनी रहेगी।

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