मध्य प्रदेश

Madhya pradesh: ई-रिक्शा चालक की बेटी बनी एसडीएम, अधिकारी बनने के बाद आयशा ने पिता की कार में घूमकर मनाया जश्न

Madhya pradesh: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा शनिवार को राज्य सेवा परीक्षा 2022 के अंतिम परिणाम घोषित किए गए। इस परीक्षा में रीवा की आयशा अंसारी को उप Collector के पद के लिए चयनित किया गया है। आयशा ने अपने पिता के सपने को साकार किया और एक प्रेरणास्त्रोत बन गईं। उनके परिवार में इस सफलता को लेकर खुशी का माहौल है और लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।

आयशा का कठिन परिश्रम और समर्पण

रीवा के ई-रिक्शा चालक की बेटी आयशा अंसारी ने यह साबित कर दिया कि जब काम सच्चे समर्पण और कठिन मेहनत से किया जाता है, तो हर कठिनाई आसान हो जाती है। आयशा ने मध्य प्रदेश पीएससी में 12वीं रैंक हासिल की और उप Collector बन गईं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। उनके माता-पिता ने उनके सपनों को साकार करने में हमेशा उनका साथ दिया और उन्हे प्रेरित किया।

पिता की प्रेरणा से बनीं अधिकारी

आयशा ने बताया कि उनके पिता सुबह के समय पुलिस लाइन कॉलोनी में टहलने जाते थे। वहां सभी अधिकारियों के बंगलों के नाम पट्टिकाओं पर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर जैसे पदों के नाम लिखे होते थे। जब उनके पिता घर वापस आते, तो कहते कि काश हमारे घर भी कोई ऐसा होता, जिसका नाम इन पदों के साथ लिखा होता। आयशा ने उसी समय ठान लिया कि वह अपने पिता के सपने को पूरा करेंगी। उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से यह सपना साकार किया।

Madhya pradesh: ई-रिक्शा चालक की बेटी बनी एसडीएम, अधिकारी बनने के बाद आयशा ने पिता की कार में घूमकर मनाया जश्न

आयशा की शिक्षा और संघर्ष

आयशा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा रीवा के एक निजी स्कूल से प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने सरकारी प्रवीण कुमारी कन्या स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा ली और फिर सरकारी आदर्श महाविद्यालय से कॉलेज की पढ़ाई की। खास बात यह है कि आयशा ने इस सफलता को बिना किसी कोचिंग के, खुद की मेहनत से हासिल किया। वह पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को ट्यूशन भी देती थीं, ताकि अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकें।

आयशा का संदेश

आयशा अंसारी का कहना है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। वह अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने के साथ-साथ अपने देश की सेवा करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि यदि ठान लिया जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

आयशा की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। उनकी यह कहानी उन सभी लोगों के लिए है, जो मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते और अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं।

आयशा का भविष्य

अब जब आयशा ने उप Collector के रूप में सफलता प्राप्त कर ली है, तो उनका लक्ष्य समाज सेवा और विकास कार्यों में योगदान देने का है। वह चाहती हैं कि वह अपनी भूमिका का सही इस्तेमाल करें और समाज के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएं।

आयशा अंसारी की कहानी यह सिद्ध करती है कि यदि किसी व्यक्ति में लगन, मेहनत और समर्पण हो, तो वह अपनी स्थिति को बदल सकता है। उनकी सफलता हर उस व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है जो कठिनाईयों का सामना करता है, लेकिन कभी हार नहीं मानता।

आयशा अंसारी की सफलता से यह स्पष्ट है कि किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए केवल शिक्षा नहीं, बल्कि सही मार्गदर्शन, संघर्ष और समर्पण की आवश्यकता होती है। उनके परिवार का समर्थन और उनकी खुद की मेहनत ने उन्हें यह सफलता दिलाई है, और अब वह अपने पिता के सपने को पूरा करने के बाद दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

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