Madhya Pradesh: कुंडलपुर के रुकमणी मठ में निर्माण कार्य शुरू, नए रूप में दिखेगा मंदिर परिसर
Madhya Pradesh के पतेरा तहसील के कुंडलपुर स्थित प्राचीन रुकमणी मठ को अब नया रूप मिलने जा रहा है। करोड़ों रुपये की लागत से इस मठ के परिसर में निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। शनिवार को इस निर्माण कार्य की आधारशिला समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, राज्य संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी और पशुपालन मंत्री लखन पटेल मौजूद थे। इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग भी उपस्थित थे।
रुकमणी मठ के विकास की दिशा
कार्यक्रम के दौरान पंचायती राज मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि रुकमणी माता की मूर्ति की प्रतिष्ठापना के बाद अब मंदिर परिसर के समग्र विकास की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए इस मठ को सुंदर और व्यवस्थित बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। इसके तहत सीसी रोड, तालाब का निर्माण, घाट, प्रवेश द्वार और चार दीवारों का निर्माण किया जाएगा।
मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह भी कहा कि यदि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी बार नहीं आते, तो रुकमणी माता की मूर्ति वापस नहीं आती। उन्होंने इस परियोजना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके विकास से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
संस्कृति मंत्री का अहम ऐलान
इस मौके पर संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने रुकमणी माता मंदिर परिसर में एक पारंपरिक मेले के आयोजन की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि रुकमणी महोत्सव को सरकारी कैलेंडर में स्थान दिया जाएगा। उनका मानना था कि इस क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए यह कदम जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से स्थानीय लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
रुकमणी माता की मूर्ति की पुनः प्रतिष्ठापना
रुकमणी मठ की मूर्ति का इतिहास बहुत दिलचस्प है। वर्ष 2005 में, इस प्राचीन मंदिर से रुकमणी माता की मूर्ति चोरी हो गई थी, जो बाद में राजस्थान में बरामद हुई थी। मूर्ति को पहले गयारसपुर संग्रहालय में रखा गया था और तीन साल पहले इसे दमोह स्थित रानी दामयन्ती संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। अब इस मूर्ति को उसके मूल स्थान रुकमणी मठ में पुनः स्थापित किया गया है।
मठ के विकास में लोकसहयोग
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने इस मंदिर परिसर के विकास के लिए हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर के विकास से उनके क्षेत्र में न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक समृद्धि भी आएगी। रुकमणी मठ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व स्थानीय लोगों के लिए बहुत अधिक है, और इसकी सुंदरता और व्यवस्था में सुधार से पर्यटकों का आना-जाना बढ़ेगा।
रुकमणी मठ का ऐतिहासिक महत्व
रुकमणी मठ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह मठ भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है और रुकमणी माता की पूजा के लिए यह एक प्रमुख स्थान रहा है। इस मठ में आने वाले श्रद्धालु न केवल धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, बल्कि यहां की शांति और सुकून में भी अपनी मानसिक शांति की तलाश करते हैं। रुकमणी मठ का संबंध महाभारत से भी जुड़ा हुआ है, जहां रुकमणी माता की पूजा की जाती है।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें और विश्वास
स्थानीय लोग इस मठ के विकास को लेकर बहुत उत्साहित हैं और उन्हें उम्मीद है कि इससे न केवल धार्मिक यात्रा में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। मंदिर के सौंदर्यीकरण से आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय व्यापार को भी इसका लाभ मिलेगा। लोगों का कहना है कि इस मठ के विकास के साथ उनके क्षेत्र की पहचान एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में होगी।
सार्वजनिक निर्माण के महत्व पर जोर
यह परियोजना न केवल एक धार्मिक स्थल के रूप में इस मठ की स्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि यहां के लोगों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगी। सीसी रोड और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण स्थानीय यातायात की सुविधा को बेहतर करेगा और यहां आने-जाने में लोगों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही, तालाब और घाट का निर्माण धार्मिक गतिविधियों के लिए एक उपयुक्त स्थान प्रदान करेगा, जो स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपू्र्ण संसाधन बन जाएगा।
कुंडलपुर स्थित रुकमणी मठ के विकास के लिए की गई यह पहल न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी खुशी की बात है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में क्षेत्र की पहचान को मजबूत करने में भी मदद करेगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद रुकमणी मठ का महत्व और भी बढ़ जाएगा और यह एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा। सरकार के सहयोग से होने वाला यह विकास स्थानीय समुदाय को धार्मिक और सामाजिक समृद्धि की ओर अग्रसर करेगा।