लखनऊ बैंक लूट कांड: सनी ने अपनी पत्नी को भी किया गुमराह, दिल्ली में बताया था लोकेशन और लखनऊ में की थी बैंक लूट

लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की 42 लॉकरों को लूटने वाले सनी दयाल ने न केवल पुलिस को बल्कि अपने परिवार को भी धोखा दिया। लूट की घटना के दो दिन पहले, सनी ने अपनी पत्नी को दिल्ली में काम करने की जानकारी दी थी और बताया कि वह एक अच्छे ठेकेदार के साथ काम कर रहा है। इस गुमराह करने वाली जानकारी से सनी की पत्नी ने सोचा कि वह दिल्ली में है, जबकि सनी ने लखनऊ में बैंक लूटने की वारदात को अंजाम दिया था। इस लूट की घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया।
मृत शरीर की वापसी और परिवार का हाल
सनी दयाल की मौत के बाद, उसके छोटे भाई गिर्धारी बिंद ने पुलिस से संपर्क किया और सनी का शव लेने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शवगृह पहुंचे। गिर्धारी और उनकी मां मीरा देवी बुधवार सुबह 11 बजे शव लेने पहुंचे। दोपहर 12.17 बजे शव को एम्बुलेंस में लोड करके वे अपने गांव के लिए रवाना हो गए। शव के साथ गांव जाने के लिए उनके अलावा कोई अन्य परिवार का सदस्य वहां नहीं पहुंचा था।
सनी दयाल का प्रारंभिक जीवन
सनी दयाल बिहार के मुंगेर जिले के आसर्गंज थाना क्षेत्र के अमैया गांव का निवासी था। वह नंदलाल बिंद का दूसरा बेटा था और उसके चार अन्य भाई थे। सनी ने आर्थिक तंगी के कारण पंजाब में काम करना शुरू किया था। पहले वह वहीं रहकर अपनी जिंदगी की बेहतर शुरुआत करने की कोशिश कर रहा था। सनी के भाई गिर्धारी ने बताया कि जब परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, तब सनी पंजाब गया था, जहां उसने मेहनत-मजदूरी की।
सनी दयाल की शादी और पारिवारिक जीवन
सनी की शादी 2013 में किरन से हुई थी और दोनों का एक बेटी भी है। सनी कई बार घर आया था, लेकिन आखिरी बार वह छठ पूजा के बाद घर लौटा था। इसके बाद वह फिर से काम के लिए बाहर निकल गया था। गिर्धारी ने बताया कि सबसे पहले सनी की पत्नी को लगा कि वह पंजाब में काम कर रहा है, लेकिन लूट की घटना से दो दिन पहले सनी ने उसे बताया था कि वह दिल्ली में एक ठेकेदार के साथ काम कर रहा है। उसकी पत्नी ने कभी भी सनी के इरादों को संदेह की नजर से नहीं देखा और न ही वह किसी अपराध के बारे में सोच पाई।
भाई का कहना है कि सनी बुरी संगत के कारण बिगड़ा
गिर्धारी ने बताया कि सनी पहले किसी भी अपराध में शामिल नहीं था, लेकिन बाहर काम करते हुए उसने कुछ गलत संगतें पकड़ लीं और धीरे-धीरे वह अपराध की दुनिया में फंसता चला गया। गिर्धारी ने कहा कि सनी की मौत और उसके द्वारा किए गए अपराध ने परिवार को गहरे आघात पहुंचाया है।
मृत शरीर के साथ परिजनों का भावुक पल
जब सनी के मृत शरीर को एम्बुलेंस में लोड किया जा रहा था, तो उसकी मां मीरा देवी रो पड़ीं। मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सिर हिलाकर मना कर दिया। इसके बाद वह शव के साथ एम्बुलेंस में बैठीं और अपने गांव के लिए रवाना हो गईं।
18 घंटे तक पुलिस का इंतजार
सनी दयाल के शव का पोस्टमार्टम मंगलवार शाम 5 बजे हुआ। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को शवगृह में रख दिया। 18 घंटे तक शव के लिए परिवार के सदस्य का इंतजार करने के बाद, आखिरकार बुधवार को सनी की मां और भाई शव लेने पहुंचे और उसे अपने गांव के लिए ले गए।
पुलिसकर्मियों की अनुपस्थिति पर गुस्से में एसओ
जब शव को एम्बुलेंस में लोड किया जा रहा था, तो कुछ पुलिसकर्मी शव के पास बैठने से मना कर रहे थे। बाद में जब एसओ गहमर रामसजन नगर ने पुलिसकर्मियों को डांटा, तब एक पुलिसकर्मी ड्राइवर के पास बैठा और दूसरा शव के पास बैठा। इसके बाद शव को मुंगेर के लिए भेजा गया।
रास्ते में रोक लगाने पर पुलिस की सख्ती
जब एम्बुलेंस शव के साथ मुंगेर के लिए रवाना हुई, तो पुलिस ने एम्बुलेंस को किसी भी रास्ते में रुकने से रोक दिया। एसओ ने पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए कि शव को किसी भी जगह पर न रोका जाए और एम्बुलेंस को बिना रुकावट के आगे बढ़ने दिया जाए।
सनी दयाल की मुठभेड़ में मौत
मंगलवार सुबह गहमर क्षेत्र के कुतुबपुर गांव में एक बंद ढाबे के पास पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें सनी दयाल मारा गया। सनी दयाल पर लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र में स्थित भारतीय ओवरसीज बैंक की लूट में शामिल होने का आरोप था। पुलिस द्वारा की गई मुठभेड़ में सनी की मौत हो गई, और उसकी लूट की योजना को अंजाम देने के बाद वह अपनी जान से हाथ धो बैठा।
पुलिस का बयान
गहमर पुलिस स्टेशन के प्रभारी रामसजन नगर ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद सनी दयाल का शव शवगृह में रखा गया था। लगभग 18 घंटे बाद सनी की मां और भाई शव लेने पहुंचे और उसे अपने गांव ले जाने के लिए रवाना हो गए। साथ ही, दो पुलिसकर्मियों को शव के साथ भेजा गया था ताकि शव सुरक्षित रूप से गांव पहुंच सके।
सनी दयाल का अपराध और उसकी मुठभेड़ में मौत न केवल उसकी परिवार की बदकिस्मती को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बुरी संगत और गलत रास्तों पर चलने के कारण एक व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है। सनी ने न केवल अपने परिवार को धोखा दिया, बल्कि उसने अपने जीवन के अंत को भी एक गलत दिशा में मोड़ दिया।