Kumbh Mela 2025: खूँटी गुरु की अद्भुत वापसी, जब तेरहवीं की हो रही थी तैयारी
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Kumbh Mela 2025: कुंभ मेला 2025 में हर दिन लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान कई चमत्कारिक घटनाएँ भी घटित हो रही हैं। ऐसी ही एक घटना ने प्रयागराज के ज़ीरो रोड क्षेत्र में रहने वाले खूँटी गुरु के साथ घटी, जो 12 दिनों तक लापता रहने के बाद अचानक तब लौट आए, जब उनकी मृत्यु मानकर उनके लिए ब्राह्मण भोज (तेरहवीं) की तैयारी हो रही थी। उनकी इस अविश्वसनीय वापसी से लोग हैरान रह गए और इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई।
खूँटी गुरु ई-रिक्शा से पहुँचे घर
खूँटी गुरु 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के लिए गए थे, लेकिन उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला। मेले में मची भगदड़ के बाद जब वे घर नहीं लौटे, तो लोगों ने मान लिया कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। 12 दिनों तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर उनके परिचितों ने ब्राह्मण भोज का आयोजन करने का फैसला किया। जब यह भोज शुरू होने ही वाला था, तभी खूँटी गुरु अचानक ई-रिक्शा से घर पहुँच गए। उन्हें देखकर उनके परिवार और दोस्तों की आँखें खुशी से भर आईं।
भगदड़ के बाद से लापता थे खूँटी गुरु
खूँटी गुरु को प्रयागराज के ज़ीरो रोड क्षेत्र में सभी जानते हैं। वे एक फक्कड़ जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं, जो अधिकतर समय भजन-कीर्तन में बिताते हैं। उनके पास मोबाइल फोन तक नहीं है, जिससे कोई उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा था। जब वे मौनी अमावस्या के दिन संगम स्नान के लिए गए, तब वहां भगदड़ मच गई। उसके बाद से वे लापता हो गए थे। उनके दोस्तों और परिचितों ने कई दिनों तक उनकी तलाश की, लेकिन जब कोई खबर नहीं मिली, तो लोगों ने यह मान लिया कि वे अब जीवित नहीं हैं।
तेरहवीं के भोज की तैयारी के बीच लौटे घर
ज़ीरो रोड इलाके के समाजसेवी बाबा अवस्थी ने बताया कि खूँटी गुरु के लापता होने के बाद पूरा इलाका चिंतित था। उन्होंने कहा, “हमने सोचा कि कुछ अनहोनी हो गई होगी। इसलिए, उनकी आत्मा की शांति के लिए हमने 13 ब्राह्मणों को भोज कराने का निर्णय लिया था। भोज की पूरी तैयारी हो चुकी थी और जब ब्राह्मण भोजन करने ही वाले थे, तभी खूँटी गुरु अचानक ई-रिक्शा से घर लौट आए।”
उनकी वापसी की खबर मिलते ही पूरा इलाका खुशी से झूम उठा। लोग अवाक रह गए कि जिसे उन्होंने मरा हुआ मान लिया था, वह अचानक उनके सामने खड़ा था।
खूँटी गुरु कहाँ थे इतने दिन?
जब लोगों ने खूँटी गुरु से पूछा कि वे इतने दिनों तक कहाँ थे, तो उन्होंने जो जवाब दिया वह और भी हैरान करने वाला था। उन्होंने बताया कि वे कुंभ मेले में नागा साधुओं के आश्रम में रह रहे थे। वे वहाँ भजन-कीर्तन में लीन थे और साधुओं के साथ भोजन कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मुझे वहाँ अच्छा लग रहा था, इसलिए मैंने वहीं रुकने का फैसला किया। मुझे पता ही नहीं चला कि लोग मेरी तलाश कर रहे हैं।”
खुशी में बांटा गया भोज
खूँटी गुरु की सुरक्षित वापसी की खुशी में इलाके के लोगों ने भोज को स्थगित करने के बजाय इसे जश्न के रूप में मनाने का निर्णय लिया। बाबा अवस्थी ने कहा, “हमने सोचा था कि यह भोज उनकी आत्मा की शांति के लिए होगा, लेकिन अब हम इसे उनकी जीवित वापसी के उपलक्ष्य में करेंगे।”
कौन हैं खूँटी गुरु?
खूँटी गुरु 65 वर्षीय एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं, जो वर्षों से प्रयागराज में रह रहे हैं। वे अविवाहित हैं और उनका कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। उनकी एक मात्र बहन है, जो शादी के बाद अपने परिवार के साथ रहती है। खूँटी गुरु अपनी अलग ही दुनिया में रहते हैं और अधिकतर समय भजन-कीर्तन में व्यतीत करते हैं। वे किसी भी सांसारिक चीज़ की परवाह नहीं करते और अपनी धुन में मस्त रहते हैं।
कुंभ मेले में ऐसे कई रहस्य और चमत्कार
कुंभ मेला हमेशा से ही चमत्कारी घटनाओं और रहस्यमयी घटनाओं के लिए जाना जाता है। लाखों की भीड़ के बीच कई लोग खो जाते हैं और कुछ दिनों बाद वापस मिल जाते हैं। लेकिन खूँटी गुरु की यह घटना बिल्कुल अनोखी थी, क्योंकि लोग उन्हें मृत मान चुके थे और उनके लिए अंतिम संस्कार जैसा अनुष्ठान भी किया जा रहा था।
सुरक्षा और प्रशासन की बड़ी चुनौती
इस घटना ने कुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। लाखों श्रद्धालुओं के बीच मेले में अक्सर भगदड़ मचने जैसी घटनाएँ होती रहती हैं। मौनी अमावस्या के दिन भी जब भगदड़ मची, तो कई लोग लापता हो गए थे। प्रशासन को ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोग अपने प्रियजनों से संपर्क कर सकें।
क्या सीख मिली इस घटना से?
खूँटी गुरु की यह घटना हमें सिखाती है कि जब तक किसी व्यक्ति के जीवित या मृत होने की पक्की खबर न हो, तब तक कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। साथ ही, कुंभ मेले जैसे बड़े आयोजनों में बेहतर संचार व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति लापता होने के बाद अपने परिवार से आसानी से संपर्क कर सके।
कुंभ मेला 2025 में घटी खूँटी गुरु की यह घटना किसी चमत्कार से कम नहीं है। 12 दिनों तक लापता रहने के बाद जब सभी ने उन्हें मृत मान लिया, तभी वे अचानक वापस आ गए। उनकी वापसी की खुशी में लोगों ने ब्राह्मण भोज को एक जश्न में बदल दिया। यह घटना एक ओर कुंभ मेले के अनोखे रहस्यों को उजागर करती है, तो दूसरी ओर यह भी बताती है कि कैसे किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति से उसके चाहने वाले चिंतित हो सकते हैं। खूँटी गुरु की यह अविश्वसनीय वापसी प्रयागराज में एक यादगार घटना बन गई है।