Korba News: जंगली सुअर का शिकार करने के लिए बिछाया था करंट का जाल, शिकारी की करंट लगने से मौत, साथी फरार
Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के गोधी जंगल में जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए बिजली की तार का जाल बिछाया गया था, लेकिन इस जाल ने एक शिकारी की जान ले ली। करंट लगने से एक शिकारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके साथी वहां से भाग गए। यह घटना वन विभाग से मात्र 20 किलोमीटर दूर घटी, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना पाकर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना शुक्रवार की सुबह लगभग 9 बजे की है। कुछ ग्रामीण गोधी जंगल में पुटु (जंगली पौधों के फल) इकट्ठा करने के लिए गए थे। इसी दौरान उनकी नजर एक बिजली की तार पर पड़ी, जो जमीन पर फैली हुई थी। जब वे तार के पास गए, तो वहां एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ देखा। शव देखकर ग्रामीण डर गए और तुरंत वहां से भाग निकले। इसके बाद उन्होंने गांव के सरपंच को इसकी जानकारी दी। सरपंच ने तुरंत सिविल लाइन पुलिस स्टेशन को घटना की सूचना दी।
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान गोधी गांव के रहने वाले रामलाल कंवर (30) के रूप में हुई है, जो अपने कुछ साथियों के साथ जंगली सुअर का शिकार करने के लिए जंगल में गया था। शिकार के लिए उन्होंने जंगल में 11 केवी की हाई वोल्टेज तार का जाल बिछाया था, जो वहां से गुजर रही थी। रामलाल गलती से उस तार के संपर्क में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके साथी घटना के बाद वहां से फरार हो गए।
पुलिस की कार्रवाई
सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में तैनात अश्वनी निरंकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने रामलाल कंवर का शव बरामद किया। मौके से बिजली की तार, एक मोबाइल फोन और कुछ लाठियां भी बरामद की गईं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतक की पारिवारिक स्थिति
रामलाल कंवर की मौत ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। रामलाल की पत्नी और तीन बेटियां हैं। वह औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक दाना फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता था। रामलाल का परिवार बेहद गरीब है और उसकी मौत के बाद अब परिवार के सामने जीविका का संकट खड़ा हो गया है।
शिकार के लिए करंट का इस्तेमाल
गोधी के जंगलों में जंगली जानवरों का शिकार करना ग्रामीणों के लिए आम बात है। विशेष रूप से जंगली सुअर को पकड़ने के लिए लोग बिजली की तार का इस्तेमाल करते हैं। यह एक खतरनाक तरीका है, क्योंकि इसमें अक्सर शिकारी खुद ही जाल में फंस जाते हैं। इस प्रकार के शिकार में कई बार जान-माल का नुकसान होता है, लेकिन यह प्रथा अब भी जारी है। वन विभाग और पुलिस द्वारा कई बार ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते।
वन विभाग की चुनौती
गोधी और आसपास के इलाकों में वन विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि कैसे जंगली जानवरों के शिकार को रोका जाए। वन विभाग के पास सीमित संसाधन होते हैं और इतने बड़े जंगल क्षेत्र की निगरानी करना आसान नहीं होता। इसके अलावा, ग्रामीणों की आजीविका भी जंगल पर निर्भर करती है, जिससे यह समस्या और भी जटिल हो जाती है।
वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग समय-समय पर अभियान चलाता है और ग्रामीणों को जागरूक करता है, लेकिन शिकारी अक्सर गुप्त रूप से शिकार करने के लिए इस प्रकार के खतरनाक उपाय अपनाते हैं। इससे न केवल जानवरों की जान को खतरा होता है, बल्कि शिकारी भी खुद को जोखिम में डालते हैं।
कानून और सुरक्षा उपाय
ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सरकार और प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। शिकार के लिए करंट जैसे घातक तरीकों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा, ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए और भी व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि वे इस प्रकार के खतरनाक तरीकों से बच सकें।
इसके साथ ही, वन विभाग को आधुनिक तकनीकों और संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए जंगलों की निगरानी को और भी सख्त करना होगा। वन्य जीवों की सुरक्षा और ग्रामीणों की जान की हिफाजत के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।
ग्रामीणों की जिम्मेदारी
हालांकि सरकार और प्रशासन अपने स्तर पर काम कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत रहें। शिकार के लिए करंट का इस्तेमाल करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि बेहद खतरनाक भी है। ग्रामीणों को चाहिए कि वे वन्य जीवों की सुरक्षा के महत्व को समझें और ऐसे अवैध तरीकों से बचें।
साथ ही, स्थानीय समुदायों को भी एकजुट होकर ऐसे खतरनाक उपायों को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। यदि ग्रामीण अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक होंगे, तो इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सकता है।