छत्तीसगढ

Korba News: प्लास्टर करते समय फिसला मजदूर का पैर, कोरबा में तीन मंजिला मकान से गिरकर मौत

पाली थाना क्षेत्र के एक निर्माणाधीन मकान में हुई दुर्घटना ने एक मजदूर की जान ले ली। यहां काम के दौरान एक मजदूर तीन मंजिला मकान से गिरकर अपनी जान गंवा बैठा। बताया जा रहा है कि मजदूर तीसरी मंजिल पर प्लास्टर का काम कर रहे थे। उसी दौरान पैर फिसलने से 35 फीट की ऊंचाई से गिरने पर मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई।

मजदूर की पहचान और निर्माण कार्य की जानकारी

मृतक मजदूर की पहचान पचंराम रोहिदास के रूप में हुई है, जो 40 वर्षीय और गांव सैला के नगर पंचायत क्षेत्र का निवासी था। मकान निर्माण का कार्य पाली वार्ड क्रमांक 5 निवासी रोहित जायसवाल के देखरेख में चल रहा था। मृतक के साथ अन्य दो मजदूर आत्मा राम (56) और मंगल सिंह (54) भी उसी मकान में प्लास्टरिंग का काम कर रहे थे।

मकान की तीसरी मंजिल पर प्लास्टरिंग का काम करते समय यह दुर्घटना हुई। 35 फीट की ऊंचाई पर काम करते वक्त पचंराम रोहिदास का पैर फिसल गया और वह नीचे जमीन पर गिर गया। गिरने के कारण उसके सिर में गहरी चोट आई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

घटना के बाद का माहौल

घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर हड़कंप मच गया। मजदूरों और वहां मौजूद अन्य लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतक के शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

घटना की खबर सुनते ही मृतक के परिवार में कोहराम मच गया। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। घर के मुख्य कमाने वाले सदस्य की अचानक मौत ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है।

पुलिस द्वारा जांच शुरू

पाली थाना पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा उपायों का अभाव था। मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के ऊंचाई पर काम कर रहे थे।

Korba News: तीन मंजिला निर्माणाधीन मकान से गिरकर मजदूर की हुई मौत, घटना के बाद मचा हड़कंप

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या मकान मालिक और ठेकेदार ने मजदूरों की सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध किए थे या नहीं। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर लापरवाही का मामला दर्ज किया जा सकता है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

मृतक पचंराम रोहिदास अपने परिवार का मुख्य सहारा था। उसकी अचानक मौत ने पूरे परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से झकझोर दिया है। परिवार अब सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है।

निर्माण स्थलों पर सुरक्षा उपायों की कमी

यह घटना निर्माण स्थलों पर सुरक्षा उपायों की कमी की ओर इशारा करती है। देश में आए दिन ऐसे हादसे होते हैं जहां मजदूरों को उचित सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए जाते। ऊंचाई पर काम करने के बावजूद हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट और अन्य उपकरणों की अनदेखी करना मजदूरों की जान को खतरे में डालता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा नियमों का पालन करना अनिवार्य है। ठेकेदार और मकान मालिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मजदूर सुरक्षित माहौल में काम करें।

प्रशासन की जिम्मेदारी

प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों में ठोस कदम उठाए। निर्माण स्थलों पर सुरक्षा उपायों की जांच की जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

सरकार को मजदूरों के लिए बीमा और अन्य योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं में पीड़ित परिवार को तुरंत राहत मिल सके।

मृतक के परिवार के लिए सहायता की आवश्यकता

इस दुखद घटना ने मृतक के परिवार को भारी संकट में डाल दिया है। अब परिवार को समाज और प्रशासन से सहायता की जरूरत है। पंचायत और स्थानीय संगठन इस मामले में मदद करने के लिए आगे आ सकते हैं।

समाज और प्रशासन के लिए संदेश

इस घटना ने समाज और प्रशासन को एक कड़ा संदेश दिया है कि मजदूरों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। हर मजदूर का जीवन अनमोल है, और उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाना अनिवार्य है।

कोरबा जिले में हुई यह घटना न केवल एक परिवार के लिए दुखदायी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मकान मालिकों, ठेकेदारों और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। मजदूरों के अधिकारों और सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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