Katni News: गर्भवती महिला ने ट्रेन के सामने कूदकर की आत्महत्या, परिवार ने किया सड़क जाम
मध्यप्रदेश के कटनी जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो मानवता को शर्मसार कर देती है। यहां की माधवनगर थाना क्षेत्र में एक गर्भवती महिला ने परिवार और पुलिस से मदद नहीं मिलने पर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। इस हादसे में महिला के साथ उसका अजन्मा बच्चा भी जान गंवा बैठा। घटना की सूचना मिलते ही माधवनगर पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।
यह घटना एक तरफ जहां महिला की दर्दनाक मौत का कारण बनी, वहीं दूसरी तरफ यह भी दर्शाती है कि अगर सही समय पर पुलिस और परिवार की ओर से मदद मिलती तो शायद यह हादसा टल सकता था।
प्यार के झांसे में फंसी थी महिला
मृतक महिला की पहचान माधवनगर थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह मोहित चौधरी नामक युवक के प्यार में फंसी हुई थी। मोहित चौधरी, जो कि छारी गांव का निवासी था, ने महिला को प्रेम जाल में फंसा लिया और उसे गर्भवती कर दिया। इस मामले में महिला के परिवार ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कुछ समय बाद पुलिस की मध्यस्थता के बाद महिला और मोहित दोनों मिलकर छारी गांव चले गए थे।
मृतक महिला की उम्र 18 वर्ष बताई जा रही है। परिवार के अनुसार महिला को कई बार घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा था। यह भी कहा जा रहा है कि महिला के साथ उसके पति और ससुराल वालों द्वारा मारपीट की जाती थी, और जब उसने पुलिस से मदद मांगी तो पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
पुलिस से न्याय की उम्मीद, फिर भी मिली निराशा
मृतक महिला के पिता विजय राजक ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी करिश्मा से पिछले दिनों नवमी के दिन मुलाकात की थी। करिश्मा के चेहरे पर मारपीट के निशान थे। उसने अपने पिता को बताया कि वह कई बार पुलिस स्टेशन गई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की। अगर पुलिस ने समय रहते उसकी बात सुनी होती, तो उसकी बेटी आज जीवित होती। विजय राजक ने कहा कि उनकी बेटी ने मरने से पहले उन्हें फोन किया था और कहा था कि ‘पापा, कल आ जाना।’ लेकिन उससे पहले ही करिश्मा ने अपनी जान दे दी। विजय राजक ने इस घटना के लिए मोहित चौधरी और उसके परिवार को जिम्मेदार ठहराया।
घटना के बाद सड़क जाम, परिवार ने मांगा न्याय
महिला की मौत के बाद उसके परिवार ने अपने ग़ुस्से का इज़हार करते हुए माधवनगर गेट पर जाकर सड़क जाम करने का प्रयास किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं शामिल हुए। परिवार ने पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से न्याय की मांग की। इस मुद्दे पर मोहम्मदगंज के पार्षद विनोद यादव ने कहा कि इस क्षेत्र की बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है और हम सड़क जाम करेंगे ताकि न्याय मिल सके।
पुलिस का बयान और मामले की जांच
इस मामले पर माधवनगर थाना प्रभारी अनूप सिंह ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन में महिला के मामले के बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है और यह देखा जा रहा है कि क्या कारण थे जिनकी वजह से यह घटना हुई। पुलिस ने इस मामले में संविधानिक कार्रवाई की है और परिवार के आरोपों की जांच की जा रही है। साथ ही पुलिस ने यह भी बताया कि इस घटना के बाद मामले की पूरी तरह से जांच शुरू कर दी गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घटना की सही वजह क्या थी और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके।
मध्यप्रदेश में महिला सुरक्षा की स्थिति पर सवाल
यह घटना कटनी जिले की एक भयावह सच्चाई को उजागर करती है, जहां एक गर्भवती महिला को परिवार और पुलिस से मदद नहीं मिल पाई और उसने आत्महत्या कर ली। यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि क्या महिला सुरक्षा के मामले में पुलिस प्रशासन और समाज अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं? क्या महिलाओं को उनके अधिकारों का पूरा सम्मान मिलता है?
महिलाओं के खिलाफ हिंसा और घरेलू उत्पीड़न के मामलों में उचित कार्रवाई का ना होना एक गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना यह भी बताती है कि पुलिस को महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सही समय पर कदम उठाए गए होते तो शायद इस महिला की जान बचाई जा सकती थी।
महिला सुरक्षा के लिए उठाए जाने चाहिए कदम
इस घटना को देखते हुए यह जरूरी है कि समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाई जाए। इसके साथ ही, पुलिस प्रशासन को महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर सख्त कदम उठाने चाहिए। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अलावा, समाज में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
कटनी में गर्भवती महिला की आत्महत्या ने एक बार फिर महिलाओं के अधिकारों और उनके खिलाफ होने वाले अत्याचारों को लेकर सवाल उठाए हैं। यह घटना न केवल पुलिस प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज में महिलाओं की स्थिति अब भी बेहद संवेदनशील और कठिन है। महिला के परिवार ने जिस तरह से न्याय की मांग की है, उससे यह साफ है कि उन्हें उम्मीद थी कि पुलिस उनकी बेटी की मदद करेगी, लेकिन जब यह मदद नहीं मिली, तो उन्हें इस नतीजे का सामना करना पड़ा।