भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए जयशंकर ने वाशिंगटन में की सुलिवन से बातचीत
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों वाशिंगटन में हैं, जहां वह वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन और आगामी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ भारत-अमेरिका संबंधों की समीक्षा कर रहे हैं। इस दौरान जयशंकर ने कई अमेरिकी नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात की है, ताकि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत किया जा सके।
व्हाइट हाउस में जैक सुलिवन से मुलाकात
जयशंकर ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की। दोनों पक्षों ने वर्तमान वैश्विक और क्षेत्रीय परिस्थितियों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान भी किया। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
जयशंकर का अमेरिकी प्रशासन के साथ संवाद
जयशंकर का यह दौरा खास तौर पर भारत-अमेरिका रिश्तों को और मजबूत करने के लिए अहम है। उनका उद्देश्य न केवल वर्तमान अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत करना है, बल्कि आने वाले ट्रंप प्रशासन के साथ भी संबंधों की दिशा तय करना है। जयशंकर की योजना है कि वह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और जो बाइडन प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात करें, ताकि द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा
भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुई है, और इस साझेदारी को और अधिक प्रगति देने के लिए जयशंकर ने कई प्रमुख मुद्दों पर बातचीत की। खास तौर पर, दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, तकनीकी सहयोग, और वैश्विक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।
नए ट्रंप प्रशासन के साथ बैठक
जयशंकर ने यह भी संकेत दिया कि वह आगामी ट्रंप प्रशासन के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे। अमेरिका में नवंबर 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में यदि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा सत्ता में आते हैं, तो उनके साथ रिश्तों को नया आकार देने की दिशा में जयशंकर का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण होगा। यह मुलाकात भारत और अमेरिका के रिश्तों को अगले चरण में ले जाने के लिए आवश्यक है, क्योंकि दोनों देशों के बीच पारस्परिक सहयोग और सहयोग बढ़ाने के कई अवसर हैं।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपनी बैठक की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की प्रगति पर एक विस्तृत चर्चा हुई। इसके अलावा, वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि वह नए ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने की संभावना पर चर्चा करेंगे।
जयशंकर का कांसुल जनरल सम्मेलन
जयशंकर ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान भारतीय कांसुल जनरल का एक सम्मेलन भी आयोजित करने की योजना बनाई है। इस सम्मेलन में भारत के विभिन्न कांसुल जनरल शामिल होंगे, जहां भारतीय कूटनीतिक अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। यह सम्मेलन भारतीय विदेश नीति को और अधिक प्रभावी बनाने और विदेशों में भारतीय समुदाय के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
जयशंकर की यात्रा का महत्व
जयशंकर का यह दौरा भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत-अमेरिका संबंध पिछले कुछ दशकों में लगातार मजबूत हुए हैं, और इस यात्रा के माध्यम से दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ावा दिया जाएगा। विशेष रूप से, भारत-अमेरिका व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
भारत-अमेरिका रिश्तों का भविष्य
भारत और अमेरिका के रिश्तों का भविष्य बहुत उज्जवल दिखाई देता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी बनी हुई है। यह साझेदारी दोनों देशों के हितों की रक्षा करती है और वैश्विक मुद्दों पर एकजुटता को बढ़ावा देती है। जयशंकर की यात्रा से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार, रक्षा, और तकनीकी सहयोग को और अधिक बढ़ाया जाएगा।
एस. जयशंकर का अमेरिका दौरा भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई दिशा देने की क्षमता रखता है। इस यात्रा के दौरान किए गए संवाद और बैठकों से यह स्पष्ट होता है कि भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को और गहरा करने के लिए दोनों देशों के नेतृत्व की ओर से निरंतर प्रयास जारी रहेंगे। चाहे वह वर्तमान प्रशासन हो या आगामी ट्रंप प्रशासन, भारत-अमेरिका रिश्तों की प्रगति के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। इस यात्रा के माध्यम से भारत और अमेरिका के संबंधों को एक नए स्तर तक पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है।