इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने वामपंथियों पर किया हमला, ‘लोकतंत्र के लिए खतरे’ का आरोप लगाने वालों को कसा तंज
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इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने हाल ही में अमेरिका में आयोजित कंजरवेटिव पॉलिटिकल एक्शन कांफ्रेंस (CPAC) में वामपंथियों पर कड़ा हमला बोला। वीडियो लिंक के माध्यम से अपने संबोधन में मेलोनी ने वामपंथी नेताओं के लिए तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि वामपंथी सिर्फ इसलिए परेशान हैं क्योंकि दाएं पंथी नेता लगातार चुनावों में जीत रहे हैं और वे वैश्विक स्तर पर एकजुट होकर काम कर रहे हैं। उनके इस भाषण ने दुनियाभर में राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया है।
वामपंथियों पर हमला: एकजुटता का ताना
मेलोनी ने अपने भाषण में वामपंथी नेताओं को सीधे निशाने पर लिया। उनका कहना था, “वामपंथी आज परेशान हैं क्योंकि दाएं पंथी नेता न केवल चुनाव जीत रहे हैं, बल्कि वे एक साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने 90 के दशक में वामपंथी उदारवादी नेताओं का वैश्विक नेटवर्क स्थापित किया था, तब उन्हें “राजनीतिज्ञ” कहा गया था। लेकिन आज जब डोनाल्ड ट्रम्प, जॉर्जिया मेलोनी, जेवियर मेलाय और नरेंद्र मोदी जैसे नेता बोलते हैं, तो उन्हें “लोकतंत्र के लिए खतरा” कहा जाता है।
मेलोनी ने इस “दोहरी नीति” को वामपंथियों का गोरखा आरोप बताया और कहा, “यह उनका दोहरा मापदंड है, लेकिन हम इसके आदी हो चुके हैं। खुशखबरी यह है कि अब लोग उनके झूठ पर विश्वास नहीं करते। वे चाहे जितना कीचड़ उछालें, जनता हमें वोट कर रही है।”
VIDEO | “The Left is nervous and with Trump’s victory, their irritation has turned into hysteria, not only because conservatives are winning, but because conservatives are now collaborating globally. When Bill Clinton and Tony Blair created the global leftist liberal network in… pic.twitter.com/uqBmi5bCxp
— Press Trust of India (@PTI_News) February 22, 2025
ट्रम्प को ‘मजबूत नेता’ बताया
मेलोनी ने डोनाल्ड ट्रम्प की तारीफ करते हुए उन्हें एक मजबूत और प्रभावशाली नेता करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारे विरोधी यह उम्मीद कर रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प हमसे दूरी बना लेंगे, लेकिन मैं उन्हें एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में जानती हूं। मुझे यकीन है कि जो लोग यह उम्मीद कर रहे हैं, वे गलत साबित होंगे।”
मेलोनी ने इस विचार को खारिज किया कि अगर ट्रम्प राष्ट्रपति बने तो इससे दाएं पंथी नेताओं के बीच आपसी मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। उनका कहना था कि ट्रम्प का सत्ता में लौटना दाएं पंथी नेताओं के बीच एकजुटता को और मजबूत करेगा, न कि इसे तोड़ेगा।
दाएं और बाएं के बीच बढ़ती खाई
मेलोनी का भाषण यह स्पष्ट करता है कि आज की वैश्विक राजनीति में दाएं और बाएं के बीच खाई और भी गहरी हो रही है। वामपंथी राजनीति की आलोचना करते हुए मेलोनी ने यह बताया कि कैसे दाएं पंथी नेता अपने विचारों और कार्यों से वामपंथियों के झूठ को उजागर कर रहे हैं। उनके अनुसार, वामपंथी नेताओं का दोहरा मापदंड और उनकी नीतियां अब लोगों को आकर्षित नहीं करतीं, बल्कि दाएं पंथी विचारधारा की ओर रुझान बढ़ रहा है।
यह भी महत्वपूर्ण है कि मेलोनी ने अपने भाषण में वैश्विक दाएं पंथी नेताओं के बीच बढ़ती एकजुटता का उल्लेख किया। उनके अनुसार, दुनिया भर में दाएं पंथी नेता मिलकर एक मजबूत फ्रंट बना रहे हैं, जो वामपंथी राजनीति की चुनौती दे रहे हैं। वे इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं, जबकि वामपंथी इसे खतरे के रूप में देखते हैं।
दाएं पंथ की एकजुटता: एक नई दिशा
मेलोनी का भाषण यह बताता है कि दाएं पंथी नेता अब केवल अपने देशों में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एकजुट हो रहे हैं। उनका कहना था कि यह एक मजबूत और प्रभावशाली नेटवर्क है जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज के समय में वामपंथी नेता जिस प्रकार के झूठ और ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं, वह पूरी दुनिया में खतरनाक साबित हो सकता है।
मेलोनी ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब दाएं पंथी नेता जैसे ट्रम्प, मोदी और मेलोनी एक मंच पर आते हैं तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरे के रूप में पेश किया जाता है। लेकिन यह वास्तविकता से दूर है क्योंकि दाएं पंथी नेताओं का उद्देश्य केवल अपने देशों के नागरिकों के हित में काम करना है।
भारत में मोदी और वैश्विक मंच पर अन्य नेता
मेलोनी ने अपने भाषण में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख किया और कहा कि जब मोदी बोलते हैं तो उन्हें भी ‘लोकतंत्र के लिए खतरा’ बताया जाता है। लेकिन उनके अनुसार, मोदी का नेतृत्व भारत में लोकतंत्र को और मजबूत कर रहा है। मेलोनी ने कहा कि यह राजनीति की असली प्रकृति है, जहां नेतृत्व जनता की भलाई के लिए होता है, न कि कुछ विशिष्ट समूहों के लिए।
जॉर्जिया मेलोनी का CPAC में दिया गया भाषण वैश्विक राजनीति में दाएं और बाएं के बीच बढ़ती तकरार को दर्शाता है। उनका यह बयान दिखाता है कि कैसे दाएं पंथी नेता वैश्विक स्तर पर एकजुट होकर वामपंथी विचारधारा को चुनौती दे रहे हैं और इस संघर्ष में उनकी बढ़ती ताकत से वामपंथी नेताओं के बीच बेचैनी का माहौल है। मेलोनी का यह कहना कि लोग अब वामपंथियों के झूठ पर विश्वास नहीं करते, यह संकेत करता है कि वैश्विक राजनीति में बदलाव आ रहा है और दाएं पंथी नेताओं का प्रभाव बढ़ सकता है।