अंतर्राष्ट्रीय

युद्ध के बीच नेतन्याहू ने रतन टाटा को किया याद, पीएम मोदी के लिए लिखा विशेष संदेश

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक विशेष संदेश लिखा। इस संदेश में नेतन्याहू ने रतन टाटा को भारत और इजरायल के बीच के संबंधों को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका के लिए सराहा और उन्हें ‘भारत का गौरव’ बताया।

रतन टाटा: भारत का गर्व

अपने पोस्ट में नेतन्याहू ने लिखा, “मैं और इजरायल के कई लोग रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। वह भारत के एक गर्वित पुत्र थे और हमारे दोनों देशों के बीच दोस्ती के समर्थक थे।” उन्होंने आगे कहा कि टाटा के निधन से इजरायल और भारत के बीच गहरे संबंधों को नुकसान हुआ है, क्योंकि टाटा हमेशा दोनों देशों के बीच बेहतर व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देते रहे थे।

टाटा परिवार के प्रति संवेदनाएं

नेतन्याहू ने टाटा परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और रतन टाटा की अमिट विरासत की सराहना की। टाटा के योगदान और उनकी कंपनियों के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन में किए गए सुधारों को याद करते हुए, उन्होंने उन्हें एक महान उद्योगपति और परोपकारी व्यक्ति के रूप में श्रद्धांजलि दी। रतन टाटा का 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उनके अंतिम संस्कार को राज्य सम्मान के साथ संपन्न किया गया।

रतन टाटा: एक दृष्टिकोणशील उद्योगपति

28 दिसंबर 1937 को मुंबई में जन्मे रतन टाटा न केवल अपने व्यावसायिक कौशल के लिए जाने जाते थे, बल्कि उन्होंने समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। टाटा सन्स के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने कंपनी को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया। टाटा समूह के अधीन उन्होंने कई महत्वपूर्ण कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिनमें जगुआर लैंड रोवर और टेटली जैसी कंपनियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाई।

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टाटा को मिला पद्म विभूषण सम्मान

रतन टाटा को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 2008 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें उनके व्यावसायिक कौशल और समाज सेवा के लिए प्रदान किया गया था। टाटा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कंपनियों के लाभ का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा में लगाया जाता था, जो उन्हें एक सच्चा परोपकारी बनाता है।

वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रियाएं

रतन टाटा के निधन पर न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शोक व्यक्त किया गया। जर्मनी के भारत में राजदूत फिलिप एकरमैन ने टाटा को ‘अद्भुत व्यक्ति’ और ‘प्रतिभाशाली उद्योगपति’ के रूप में याद किया। एकरमैन ने लगभग 15 साल पहले टाटा से मुलाकात की थी और कहा कि टाटा का निधन भारत के लिए एक बड़ी क्षति है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी अपने शोक संदेश में टाटा की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा की। मैक्रों ने कहा कि टाटा के नेतृत्व ने न केवल भारत, बल्कि फ्रांस की उद्योगों को भी आगे बढ़ाया। मैक्रों ने टाटा की “मानवतावादी दृष्टि” और उनके समाज के कल्याण के प्रति आजीवन समर्पण की सराहना की।

रतन टाटा का इजरायल और भारत के बीच संबंधों में योगदान

रतन टाटा का इजरायल के साथ संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने इजरायल के साथ व्यापारिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने में एक सेतु का काम किया। उनकी कंपनियों ने इजरायल के विभिन्न तकनीकी और नवाचार क्षेत्रों में निवेश किया, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी संबंध और मजबूत हुए।

रतन टाटा के योगदान को याद करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि उनका जीवन और कार्य हमेशा दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करते रहेंगे।

नेतन्याहू का पीएम मोदी के लिए विशेष संदेश

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक विशेष संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने रतन टाटा को भारत और इजरायल के संबंधों का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि टाटा का निधन न केवल भारत के लिए, बल्कि इजरायल के लिए भी एक बड़ी क्षति है, क्योंकि उन्होंने दोनों देशों के बीच दोस्ती को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई थी।

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