मध्य प्रदेश

इंदौर कलेक्टर ने किया बड़ा खुलासा, ‘भीख मांगने के नाम पर बच्चों से कराई जाती है भीख मंगवाने की करतूत

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को देश के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में इंदौर कलेक्टर ने भिखारियों की बढ़ती संख्या और उनके बीच चल रहे संगठित अपराध का खुलासा किया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि केवल ज़रूरतमंद लोग ही नहीं, बल्कि कुछ आपराधिक तत्व भी भिक्षाटन के बहाने अपने गुट चला रहे हैं और इसका फायदा उठा रहे हैं। यह मुद्दा अब इंदौर में न केवल आम नागरिकों, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी चिंता का कारण बन गया है।

भिखारी गैंग्स का बड़ा खुलासा

इंदौर में भिखारी रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है। कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार, भिक्षाटन के नाम पर बड़े-बड़े रैकेट चलाए जा रहे हैं। इन रैकेट्स में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का शोषण किया जा रहा है। भिखारियों के इस गिरोह में शामिल लोग न केवल भिक्षाटन करवाते हैं, बल्कि बच्चों और वृद्धों को नशे का आदी बना कर उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं।

नशे में धुत भिखारी: अपराध में लिप्त

कलेक्टर आशीष सिंह ने यह भी बताया कि इन गिरोहों द्वारा भिखारियों को नशे की हालत में छोड़ दिया जाता है, ताकि वे लोगों से ज्यादा पैसे हासिल कर सकें। यह गिरोह न केवल आर्थिक लाभ कमा रहा है, बल्कि इस तरह के गिरोह कई आपराधिक घटनाओं में भी लिप्त पाए जा रहे हैं। प्रशासन ने इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए कुछ भिखारियों को बचाकर उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में भेजा है, जहां वे अपने हालात सुधार सकें।

इंदौर कलेक्टर ने किया बड़ा खुलासा, ‘भीख मांगने के नाम पर बच्चों से कराई जाती है भीख मंगवाने की करतूत

कलेक्टर का बयान: भिक्षाटन व्यवसाय बन चुका है

कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, “कुछ लोग सच में दया के पात्र हो सकते हैं, लेकिन कई लोग भिक्षाटन को एक व्यवसाय बना चुके हैं।” यह बयान इस बात का संकेत है कि इंदौर में भिखारी न केवल असहाय लोग हैं, बल्कि उनका शोषण भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर एक आदेश जारी किया जा सकता है, जिसके तहत भिखारी समस्या पर कड़ा नियंत्रण रखा जाएगा।

भिखारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी

कलेक्टर ने कहा कि आगामी आदेश में भिखारियों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य शामिल किए जाएंगे, और इसके उल्लंघन पर पुलिस कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इंदौर में भिखारी समस्या को समाप्त करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस संदर्भ में सख्त कदम उठाए जाएंगे।

इंदौर प्रशासन का यह कदम क्यों जरूरी है?

इंदौर में भिखारी समस्या एक लंबे समय से जारी थी, और यह शहर की स्वच्छता अभियान को भी प्रभावित कर रही थी। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्वच्छता अभियान के तहत कोई रुकावट न आए, भिखारी रैकेट के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इंदौर शहर में कोई भी भिखारी न दिखे, खासकर वे जो नशे के आदी हैं और जिनका शोषण हो रहा है।

इंदौर प्रशासन का यह कदम न केवल शहर की स्वच्छता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उन बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी आवश्यक है, जो भिक्षाटन के नाम पर शोषित हो रहे हैं। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा उठाए गए कदम से यह साफ होता है कि प्रशासन अब इस समस्या को गंभीरता से ले रहा है और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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