उत्तर प्रदेश

Varanasi में बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्कूलों को 8 फरवरी तक किया गया बंद, ऑनलाइन कक्षाएँ जारी रहेंगी

Varanasi में महाकुंभ के बाद बढ़ती श्रद्धालु भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक अहम निर्णय लिया है। जिले में आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को 8 फरवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय प्रशासन ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और शहर में हो रही भीड़-भाड़ को ध्यान में रखते हुए लिया है। इस दौरान, स्कूलों में केवल ऑनलाइन कक्षाएँ संचालित की जाएंगी।

प्रशासन का फैसला: स्कूलों को बंद रखने की आवश्यकता

बेसिक शिक्षा अधिकारी, अरविंद कुमार पाठक ने गुरुवार को बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुसार, 8 फरवरी तक वाराणसी के शहरी क्षेत्रों में स्थित सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य बोर्ड से संबद्ध अंग्रेजी और हिंदी माध्यम के स्कूल बंद रहेंगे। इन स्कूलों में इस दौरान केवल ऑनलाइन कक्षाएं ही चलेंगी।

इस फैसले के पीछे कारण बताया गया है कि महाकुंभ स्नान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी में पहुंचे हैं और वे विभिन्न धार्मिक स्थलों का दर्शन करने आ रहे हैं, जिसके चलते शहर में भारी भीड़ हो रही है। इस भीड़ के चलते यातायात व्यवस्था पर भी असर पड़ा है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

Varanasi में बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्कूलों को 8 फरवरी तक किया गया बंद, ऑनलाइन कक्षाएँ जारी रहेंगी

ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खुले रहेंगे

पाठक ने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। इन स्कूलों में नियमित कक्षाएं जारी रहेंगी। इसके अलावा, सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में इस समय कुछ अन्य कार्य जैसे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रोसेसिंग, आधार सीडिंग, स्कूल मरम्मत, पेंटिंग आदि जारी रहेंगे। इसके लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूलों में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इन कार्यों की निगरानी की जा सके।

श्रद्धालुओं के लिए पुलिस की अपील

इस दौरान, वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे आवश्यकता न होने पर घर से बाहर न निकलें और शहर में चल रहे धार्मिक आयोजनों में भाग लेते समय अनुशासन बनाए रखें। खासकर महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालु जो अभी भी वाराणसी कचहरी और बनारस रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं, उन्हें समझाया गया है कि वे भीड़भाड़ से बचें और सुरक्षा उपायों का पालन करें।

अभी भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जो प्रयागराज महाकुंभ से स्नान करने के बाद वाराणसी लौटे थे, वाराणसी कैंट और बनारस रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि वे अत्यधिक भीड़ के कारण अपनी ट्रेन पकड़ने में असफल हो गए हैं और अब वे इंतजार कर रहे हैं कि जब तक भीड़ कम नहीं होती, तब तक वे ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकते।

गंगा आरती पर भी प्रभाव

महाकुंभ के मद्देनजर, प्रशासन ने वाराणसी के घाटों पर गंगा आरती के आयोजन को भी सामान्य जनता के लिए 5 फरवरी तक के लिए बंद कर दिया था। पुलिस ने आम जनता से अपील की थी कि वे बिना आवश्यकता के बाहर न निकलें और इस समय में श्रद्धालुओं के साथ सहयोग करें।

इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और पुलिस ने शहर के विभिन्न इलाकों में स्थिति पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया था। शहर के प्रमुख घाटों पर ट्रैफिक की भी स्थिति बिगड़ी थी, क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे।

भविष्य की योजना

अब तक प्रशासन ने पूरी कोशिश की है कि श्रद्धालुओं और नागरिकों को अधिक परेशानी न हो, लेकिन बढ़ती भीड़ के कारण कई मुद्दों का सामना भी किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक, जब तक भीड़ नियंत्रित नहीं हो जाती, तब तक इन अस्थायी निर्णयों को लागू रखा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और जैसे ही स्थिति सामान्य होती है, स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया जाएगा।

इस समय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश की है। रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और यात्रियों को उनकी यात्रा में सहायता देने के लिए विशेष काउंटर भी लगाए गए हैं।

वाराणसी में महाकुंभ के बाद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने और केवल ऑनलाइन कक्षाओं को संचालित करने का निर्णय लिया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और शहर में भीड़ के नियंत्रण के लिए लिया गया है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खुले रहेंगे और जरूरी कार्य जारी रहेंगे। प्रशासन ने शहरवासियों और श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है और उन्हें सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

सम्भावना है कि जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की भीड़ कम होगी और शहर की स्थिति सामान्य होगी, प्रशासन इन अस्थायी निर्णयों की समीक्षा करेगा और भविष्य में आवश्यक बदलाव करेगा। फिलहाल, सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तत्पर है।

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