IED विस्फोट ने छीने तीन सिपाहियों के प्राण, बलूच विद्रोह का खूनी खेल जारी

मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में एक पुलिस वाहन को निशाना बनाकर एक घातक विस्फोट किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट में कम से कम तीन पुलिस अधिकारी मारे गए और 16 अन्य घायल हो गए। विस्फोट उस समय हुआ जब लगभग 40 पुलिसकर्मियों को लेकर एक बस इलाके से गुज़र रही थी। यह उस क्षेत्र में एक और हमला है, जहाँ अक्सर अलगाववादी समूहों और आतंकवादियों से जुड़ी हिंसा देखी जाती है।
घटना का विवरण: मस्तुंग में सड़क किनारे बम
यह हमला प्रांतीय राजधानी क्वेटा से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण में हुआ। बलूचिस्तान प्रशासन के एक अधिकारी राजा मुहम्मद अकरम ने पुष्टि की कि विस्फोट सड़क किनारे लगाए गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के कारण हुआ था। पुलिस कर्मियों से भरी बस शक्तिशाली विस्फोट की चपेट में आ गई, जिससे तबाही का मंजर सामने आया। आपातकालीन टीमें घायलों की देखभाल के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं, जबकि मृतक अधिकारियों को पहचान और पोस्टमार्टम प्रक्रियाओं के लिए ले जाया गया।
चोटें और जांच जारी
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि 16 घायलों में से दो अधिकारियों की हालत गंभीर है और उन्हें उन्नत उपचार के लिए क्वेटा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। शेष घायलों को स्थानीय चिकित्सा सुविधाओं में ले जाया गया। अधिकारियों ने गहन जांच शुरू कर दी है और घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस बीच, सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और विस्फोट के पीछे के अपराधियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं।
बलूचिस्तान हिंसा और पिछली घटनाएँ
यह हमला बलूचिस्तान में हाल के महीनों में हुई हिंसक घटनाओं की श्रृंखला का हिस्सा है। पिछले महीने ही बलूच अलगाववादी विद्रोहियों ने इसी क्षेत्र में एक यात्री ट्रेन का अपहरण कर लिया था। प्रांत में सक्रिय एक उग्रवादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) अतीत में ऐसे कई हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करने वाले बीएलए की स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई थी और यह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर विद्रोही गतिविधियों में शामिल रहा है। यह क्षेत्र अभी भी अस्थिर बना हुआ है, जहां सुरक्षा और नागरिक आबादी दोनों को लगातार खतरों का सामना करना पड़ रहा है।