अंतर्राष्ट्रीय

गाजा में मानवता पर संकट: इजरायल का रफ़ा पर बड़ा सैन्य अभियान!

इजरायली सेना ने सोमवार को गाजा पट्टी के दक्षिणी शहर राफा में बड़े स्तर पर सैन्य अभियान शुरू कर दिया। सेना ने शहर के अधिकांश हिस्से को खाली करने का आदेश जारी किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि इजरायल ने एक और बड़े जमीनी हमले की तैयारी कर ली है। इस साल की शुरुआत में इजरायल ने हमास के साथ संघर्षविराम तोड़ते हुए फिर से हवाई और जमीनी युद्ध शुरू कर दिया था। इजरायल के इस हमले से राफा में ईद-उल-फित्र का त्योहार मातम में बदल गया, क्योंकि लोगों को अचानक अपना घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर होना पड़ा।

गाजा में मानवीय सहायता बंद, हालात और बिगड़े

मार्च की शुरुआत में इजरायल ने गाजा में करीब 20 लाख फिलिस्तीनियों को दबाव में लाने के लिए सभी मानवीय सहायता, भोजन, ईंधन और दवाओं की आपूर्ति बंद कर दी थी। अब ताजा हमले के बाद राफा और आसपास के इलाकों के लोगों को मुवासी नामक तटीय क्षेत्र में शरण लेने का आदेश दिया गया है। यह इलाका पहले से ही हजारों विस्थापित लोगों से भरा हुआ है, जहां रहने के लिए केवल टेंट और अस्थायी आश्रय ही हैं। इजरायल की इस कार्रवाई से गाजा में हालात और बिगड़ गए हैं।

इजरायल ने राफा क्रॉसिंग पर कब्जा किया

पिछले साल मई में इजरायली सेना ने मिस्र सीमा पर स्थित राफा में बड़ा अभियान चलाया था, जिसमें बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी। इजरायल ने तब मिस्र की सीमा पर रणनीतिक गलियारे और ‘राफा क्रॉसिंग’ पर कब्जा कर लिया था, जो गाजा का बाहरी दुनिया से एकमात्र संपर्क मार्ग था। अमेरिका के दबाव में इजरायल ने जनवरी में हमास के साथ हुए संघर्षविराम समझौते के तहत इस गलियारे से सेना हटाने का वादा किया था, लेकिन बाद में हथियारों की तस्करी रोकने का हवाला देकर इजरायल ने इस कदम से इनकार कर दिया।

नेतन्याहू ने दी चेतावनी, युद्ध जारी रखने का ऐलान

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सेना तब तक सैन्य अभियान जारी रखेगी, जब तक हमास के कब्जे में मौजूद सभी 59 बंधकों को छुड़ा नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि इन बंधकों में से 24 के जीवित होने की संभावना है। नेतन्याहू ने साथ ही कहा कि युद्ध खत्म होने के बाद इजरायल गाजा की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी लेगा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव के तहत गाजा के लोगों को अन्य देशों में बसाने का काम किया जाएगा। हालांकि, फिलिस्तीनियों ने इसे अपने मूल स्थान से जबरन पलायन कराने का प्रयास बताते हुए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

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