मध्य प्रदेश

बागेश्वर धाम की ‘हिंदू जोड़ो यात्रा’: विदेशों से भी आ रहे हैं श्रद्धालु

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा आयोजित ‘हिंदू जोड़ो पदयात्रा‘ इन दिनों सुर्खियों में है। इस यात्रा को लेकर बागेश्वर धाम आश्रम का दावा है कि देश ही नहीं, विदेशों से भी श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होने आ रहे हैं। यह यात्रा हिंदू धर्म और उसकी सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।

यात्रा का उद्देश्य और विदेशों में बढ़ता प्रभाव

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ‘हिंदू जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत हिंदू धर्म के प्रति लोगों की आस्था को बढ़ावा देने और हिंदू समुदाय को एकजुट करने के लिए की है। यात्रा के दौरान आश्रम ने दावा किया है कि न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से बल्कि विदेशों से भी लोग इसमें भाग ले रहे हैं।

विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया से आधे दर्जन से अधिक लोग इस यात्रा में शामिल होने बागेश्वर धाम आश्रम पहुंचे हैं। यह दर्शाता है कि हिंदू धर्म के प्रति विदेशी नागरिकों की आस्था और बढ़ती रुचि का असर इस यात्रा पर भी पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बड़ी संख्या में विदेशी अनुयायी हैं, जिससे ‘हिंदू जोड़ो यात्रा’ का प्रचार-प्रसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुआ है।

नए नारों के जरिए जागरूकता

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जो अपनी ‘चमत्कारी’ पर्चियों के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए जाने जाते हैं, हर दिन यात्रा के दौरान नए नारे देकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं हिंदू हूं, मैं हिंदू हूं और मैं हिंदुस्तान हूं।”

धीरेंद्र शास्त्री लंबे समय से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं और इस यात्रा के जरिए हिंदुओं को एकजुट करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

राजनेताओं की भागीदारी

चतरपुर से ओरछा तक आयोजित इस यात्रा में बड़ी संख्या में राजनेता भी शामिल हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा का हिस्सा बने हैं। यह राजनीतिक भागीदारी यात्रा को और अधिक चर्चा का विषय बना रही है।

बागेश्वर धाम की 'हिंदू जोड़ो यात्रा': विदेशों से भी आ रहे हैं श्रद्धालु

यात्रा में राजनेताओं की उपस्थिति न केवल इसकी महत्ता को बढ़ा रही है, बल्कि इसे सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बना रही है।

बागेश्वर धाम आश्रम के दावे

आश्रम के अनुसार, विदेशों में हिंदू धर्म के प्रति बढ़ती आस्था का प्रमाण यह है कि लोग न केवल यात्रा में शामिल हो रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस यात्रा का समर्थन कर रहे हैं। विदेशी श्रद्धालुओं का शामिल होना इस बात का संकेत है कि हिंदू धर्म वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।

यात्रा की सामाजिक और सांस्कृतिक भूमिका

‘हिंदू जोड़ो यात्रा’ न केवल धार्मिक भावना को जागृत करने का माध्यम है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। इस यात्रा के जरिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हिंदू धर्म के मूल्यों को बढ़ावा देने और समाज में एकता का संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं।

यात्रा के प्रति आम जनता की प्रतिक्रिया

यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में आम लोग भी शामिल हो रहे हैं। श्रद्धालु न केवल धार्मिक कारणों से, बल्कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता के कारण भी इस यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं। लोग यात्रा में शामिल होकर धर्म और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट कर रहे हैं।

यात्रा का राजनीतिक और धार्मिक प्रभाव

‘हिंदू जोड़ो यात्रा’ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका राजनीतिक प्रभाव भी देखा जा रहा है। राजनेताओं की भागीदारी से यात्रा को समर्थन मिल रहा है, जो इसे एक धार्मिक से अधिक सामाजिक और राजनीतिक अभियान बनाता है।

बागेश्वर धाम की ‘हिंदू जोड़ो यात्रा’ भारत और विदेशों में हिंदू धर्म की एकता और जागरूकता को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इसे एक महत्वपूर्ण पहल माना जा सकता है।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में इस यात्रा ने हिंदू धर्म और उसकी सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह यात्रा न केवल समाज में एकता का संदेश दे रही है, बल्कि धर्म के प्रति आस्था और विश्वास को भी मजबूती प्रदान कर रही है।

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