उत्तर प्रदेश

डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराने की याचिका पर सुनवाई 24 को, सिपाही की पिटाई से हुआ हंगामा

गोरखपुर में एक डॉक्टर और उसके कर्मचारियों के खिलाफ पुलिसकर्मी पर हमले के आरोप में केस दर्ज कराने के लिए कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को नहीं हो सकी। दरअसल, कैन्ट पुलिस स्टेशन ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की थी। अब इस मामले की सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी और कोर्ट ने कैन्ट पुलिस से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

कोर्ट में पेश नहीं हुई रिपोर्ट

इस मामले में कॉन्स्टेबल पंकज कुमार के वकील ऋषिकेश पांडे ने बताया कि सीजेएम कोर्ट ने कैन्ट पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन कोई भी शुक्रवार को रिपोर्ट के साथ पेश नहीं हुआ। इसके चलते याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। पंकज कुमार, जो कि डॉक्टर पर हमले के आरोप में जेल में बंद हैं, उन्हें भी शुक्रवार को रिहा नहीं किया जा सका। बताया जा रहा है कि उनकी जमानत याचिका बुधवार को मंजूर हुई थी, लेकिन परिवार के सदस्य रिहाई की प्रक्रिया को पूरा करने में व्यस्त हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि रिहाई का वारंट शनिवार को जेल पहुंचेगा।

मामला क्या है?

इस घटना की शुरुआत 3 अक्टूबर को हुई, जब निलंबित कॉन्स्टेबल पंकज कुमार, जो संत कबीर नगर जिले के मजहंगवा गंगा गांव के निवासी हैं, अपने पत्नी अditi का इलाज कराने के लिए छात्रों के संघ चौक पर स्थित डॉ. अनुज सरकार के अस्पताल पहुंचे थे। जांच के दौरान पंकज का डॉ. अनुज के साथ बहस हो गई।

डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराने की याचिका पर सुनवाई 24 को, सिपाही की पिटाई से हुआ हंगामा

जब झगड़ा बढ़ा, तो अस्पताल के स्टाफ ने पंकज की पिटाई कर दी। कैन्ट पुलिस ने दोनों पक्षों को पुलिस स्टेशन लाया, लेकिन किसी ने भी इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया। इसके अगले दिन, पंकज एक हथौड़ा लेकर अस्पताल पहुंचे और डॉ. अनुज पर हमला कर दिया।

इस मामले में कैन्ट पुलिस ने पंकज को जेल भेज दिया। पंकज के रिश्तेदारों के साथ-साथ भाजपा एमएलसी और वकील भी कॉन्स्टेबल की पिटाई के मामले में केस दर्ज कराने की आवाज उठा रहे हैं।

उप-निरीक्षक पर युवक की पिटाई का आरोप

वहीं, दूसरी घटना में, रामलीला देखने के बाद लौट रहे एक युवक ने पिपराइच पुलिस स्टेशन में तैनात उप-निरीक्षक पर उसकी पिटाई का आरोप लगाया है। मामला सामने आने के बाद एसएसपी इसे जांच के दायरे में ले रहे हैं। मधवापुर निवासी संदीप सिंह ने आरोप लगाया है कि वह अपने दोस्तों के साथ गुरुवार रात रामलीला देखने के बाद लौट रहा था।

रास्ते में, उप-निरीक्षक अंकुर सिंह ने उसे रोका और रात में घूमने का कारण पूछा। जब संदीप ने बताया कि वह रामलीला देखकर लौट रहा है, तो उप-निरीक्षक ने उसके साथ बदसलूकी की और उसकी पिटाई की। इसके बाद वह रामलीला स्थल पर पहुंचे और वहां नाथुवा के चार युवकों की भी पिटाई की।

युवकों ने रात में डायल 112 पर इस घटना की सूचना दी। शुक्रवार सुबह, जब SHO को इस मामले की जानकारी मिली, तो उन्होंने घायल युवक को बुलाया और उसकी बात सुनकर उसका इलाज कराया।

हालांकि, इस घटना के संबंध में अभी तक किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि आरोप की जांच की जा रही है और सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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