ग्वालियर में कुत्ते के हमले से पांच साल के बच्चे की हालत कंभीर, परिवार में कोहराम

ग्वालियर के गोल पहाड़ियों स्थित मेहंदी वाले सैयद क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहाँ एक पांच साल के मासूम बच्चे, नरसिंह, पर एक आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब नरसिंह अपनी माँ के लिए बिस्किट खरीदने के लिए दुकान पर जा रहा था और उसके हाथ में एक प्लास्टिक क्रिकेट बैट था। बैट गिर जाने के बाद जब बच्चा उसे उठाने के लिए झुका, तो कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया। कुत्ते ने बच्चे के चेहरे से मांस खींच लिया और उसकी हालत बेहद गंभीर हो गई।
हमला होते ही जुटे लोग, कुत्ते से बचाया
नरसिंह के जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए और किसी तरह से कुत्ते को दूर कर बच्चे को बचाया। लेकिन बच्चे की स्थिति बेहद खराब थी और उसका चेहरा खून से सना हुआ था। यह देख कर उसके परिवार में हड़कंप मच गया और उन्होंने तुरंत बच्चे को निजी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उसे ICU में एडमिट किया गया। डॉक्टर्स ने स्थिति को गंभीर देखते हुए सोमवार को ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। करीब डेढ़ घंटे तक चली सर्जरी के बाद बच्चे की जान बचाई जा सकी।
ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को थी बड़ी चुनौती
इस ऑपरेशन को करने वाले डॉक्टर जितेन्द्र ग्रोवर ने बताया कि जब बच्चा अस्पताल आया, तब वह पूरी तरह से खून से सना हुआ था। उसके चेहरे को साफ करने के बाद यह पता चला कि कुत्ते ने उसके चेहरे पर गहरे घाव किए हैं। बच्चे की आंख के पास से मांस खींच लिया गया था और कुछ हिस्सों पर तो त्वचा भी नहीं बची थी। संक्रमण का खतरा बहुत अधिक था। ऐसे में प्लास्टिक सर्जन की राय ली गई और ऑपरेशन के दौरान कुछ हिस्से को छोड़ दिया गया क्योंकि उस हिस्से पर तत्काल सर्जरी नहीं की जा सकती थी। लेकिन अच्छी बात यह रही कि बच्चे की आंख सुरक्षित रही, हालांकि आंख के पास भी घाव गहरे थे।
डॉक्टर ग्रोवर ने कहा कि ऑपरेशन के बाद बच्चे की स्थिति स्थिर है और उसकी सर्जरी में 25 टांके लगाए गए हैं। चेहरे के उस हिस्से को छोड़कर कुछ दिनों बाद प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से उसे ढका जाएगा। फिलहाल बच्चे को ऑपरेशन के बाद निगरानी के लिए पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
ग्वालियर में आवारा कुत्तों का हमला बढ़ा
ग्वालियर में आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएँ दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। यहाँ रोज़ाना तीन से अधिक कुत्ते के हमलों की घटनाएँ सामने आ रही हैं। यह नरसिंह पर हमला केवल दो हफ्ते में आवारा कुत्तों द्वारा किए गए दूसरे बड़े हमले का मामला है। इससे पहले 25 जनवरी को 7 साल के रविकांत पर भी आवारा कुत्तों ने हमला किया था, जिसके परिणामस्वरूप उसके शरीर पर 17 घाव हो गए थे। कुत्तों ने उसके सिर के पिछले हिस्से की त्वचा भी खींच ली थी।
रविकांत की सर्जरी में 100 से अधिक टांके लगाए गए थे और उसे प्लास्टिक सर्जरी भी करानी पड़ी थी। डॉक्टरों ने अब यह पुष्टि की है कि रविकांत की प्लास्टिक सर्जरी सफल रही और शरीर पर जो त्वचा लगाई गई थी, वह पूरी तरह से फिट हो गई है। अब डॉक्टरों की टीम नरसिंह की प्लास्टिक सर्जरी की तैयारी कर रही है।
आवारा कुत्तों के हमले से बचाव के उपाय
ग्वालियर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों के मद्देनज़र प्रशासन और नागरिकों से बचाव के उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि के कारण यह घटनाएँ हो रही हैं। इसके समाधान के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए, जैसे आवारा कुत्तों को शहरी इलाकों से दूर किया जाना चाहिए और उनके नसबंदी कार्यक्रमों को तेजी से लागू किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, बच्चों को आवारा कुत्तों से बचाने के लिए अभिभावकों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। बच्चों को अकेले बाहर भेजने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आसपास कोई आवारा कुत्ता न हो। कुत्तों के हमले से बचने के लिए उनके साथ पेश आने के दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी कुत्ते को किसी भी स्थिति में न उकसाया जाए, यह सुनिश्चित करना चाहिए।
ग्वालियर में हो रहे आवारा कुत्तों के हमलों से पूरी समुदाय को जागरूक होने की जरूरत है। मासूम बच्चों को इस तरह के हमलों से बचाने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे ताकि ऐसे घातक हमले भविष्य में रोके जा सकें। नरसिंह की तरह कई बच्चे ऐसे हमलों के शिकार हो रहे हैं, जिनकी जिंदगियाँ खतरे में पड़ रही हैं।