छत्तीसगढ

रायपुर AIIMS में ग्रुप रैगिंग का मामला: जूनियर छात्रों को बंद करके रातभर रैगिंग, कई लड़कियां डर से बेहोश

छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें जूनियर छात्रों को सीनियर छात्रों द्वारा बुरी तरह रैगिंग का शिकार बनाया गया। यह घटना MBBS 2023 बैच के छात्रों के साथ हुई, जब सीनियर छात्रों ने उन्हें बंद कमरे में लॉक कर दिया और फिर रातभर उनके साथ रैगिंग की।

रात को 12 बजे जूनियर छात्रों को कमरे में बुलाकर बंद किया गया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को रात करीब 12 बजे कमरे में बुलाया। इसके बाद उन्होंने सभी खिड़कियां, दरवाजे, पंखे और लाइट्स अंदर से बंद कर दीं, जिससे कई छात्रों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। इस दौरान कमरे में मौजूद कई छात्राओं के डर के मारे आंसू निकल आए और कुछ छात्राएं तो बेहोश भी हो गईं।

रात 2 बजे सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को बाहर खड़ा किया

इस डरावनी रैगिंग का सिलसिला यहीं नहीं रुका। सीनियर छात्रों ने रात के 2 बजे जूनियर छात्रों को बाहर निकाल लिया और उन्हें सिर्फ टी-शर्ट में सर्दी के मौसम में खड़ा कर दिया। इस दौरान परिसर में सुरक्षा गार्ड भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने सीनियर छात्रों को रोकने की कोशिश नहीं की और जूनियर छात्रों की मदद भी नहीं की। जूनियर छात्रों का कहना है कि सुरक्षा गार्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की, जब उन्होंने मदद के लिए उनसे संपर्क किया।

तीन से चार घंटे बाद अंदर जाने दिया गया

अंततः यह सब तीन से चार घंटे तक चला और जूनियर छात्रों को तब जाकर कमरे में वापस जाने दिया गया। इस दौरान उन्होंने जो मानसिक और शारीरिक दर्द सहा, वह भयावह था। कई छात्राएं पूरी घटना के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से काफी परेशान हो गईं।

रायपुर AIIMS में ग्रुप रैगिंग का मामला: जूनियर छात्रों को बंद करके रातभर रैगिंग, कई लड़कियां डर से बेहोश

रैगिंग का मामला सामने आया

रैगिंग का यह मामला तब सामने आया जब पीड़ित छात्रों ने “सोसाइटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन” को लिखित शिकायत दी। इस शिकायत के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। रैगिंग की इस घटना को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी है और उन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पीड़ित छात्रों ने की शिकायत

पीड़ित छात्रों का कहना है कि इस घटना से उनका आत्मविश्वास टूटा है और उनका मानसिक उत्पीड़न किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना में सीनियर छात्रों ने उनकी गरिमा और मानसिक शांति को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। उनके अनुसार, इस प्रकार की घटनाओं का कड़ा विरोध किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई छात्र इस तरह के मानसिक उत्पीड़न का शिकार न हो।

रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद, AIIMS रायपुर में रैगिंग की कड़ी जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। छात्रों का कहना है कि रैगिंग के खिलाफ संस्थान को सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि छात्रों को इस प्रकार के उत्पीड़न से बचाया जा सके और परिसर में एक सुरक्षित माहौल स्थापित किया जा सके।

संस्थान और प्रशासन पर दबाव

अब इस मामले को लेकर संस्थान और प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। छात्रों ने मांग की है कि जो सीनियर छात्र इस रैगिंग में शामिल थे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

AIIMS रायपुर में हुई इस रैगिंग की घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। यह घटना इस बात का संकेत है कि शिक्षा संस्थानों में रैगिंग की गंभीर समस्या अभी भी मौजूद है, जिससे छात्रों का मानसिक शोषण हो रहा है। इस घटना को लेकर प्रशासन को शीघ्र सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में कोई छात्र इस प्रकार के उत्पीड़न का शिकार न हो।

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