भोपाल की सड़कों पर दिखा विरोध का नया चेहरा, वक्फ एक्ट के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को मुस्लिम समुदाय ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ एकजुट होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक सेंट्रल लाइब्रेरी के सामने काले कपड़े पहनकर विरोध जताते रहे। इस दौरान उन्होंने किसी भी राजनीतिक पार्टी का झंडा नहीं लहराया और न ही किसी पार्टी का समर्थन किया।
कानून के खिलाफ विरोध, न्याय की उम्मीद
इस विरोध की अगुवाई कर रहे कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि उन्हें हड़पने की नीयत से लाया गया है। मसूद ने कहा, “यह कानून वक्फ की हिफाजत नहीं करता बल्कि सरकारी जमीनें खाली कराने के लिए लाया गया है। हम इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी साफ किया कि यह विरोध सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जाएगा।
BJP का जवाब – ‘स्वार्थ से प्रेरित आंदोलन’
वहीं, BJP नेताओं ने इस आंदोलन को ‘स्वार्थ से प्रेरित’ बताया है। उनका कहना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के सही इस्तेमाल और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के मकसद से लाया गया है। उनका दावा है कि इससे वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग होगा और गरीब मुसलमानों को इसका फायदा मिलेगा, न कि चंद लोग जो इस पर अब तक नियंत्रण बनाए हुए थे।
देशभर में आंदोलन की तैयारी, कई शहरों में विरोध
भोपाल का यह प्रदर्शन ‘वक्फ बचाओ अभियान’ का हिस्सा है, जिसे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चला रहा है। यह अभियान 7 जुलाई तक देशभर में चलाया जाएगा। बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि यह आंदोलन गांव-गांव और शहर-शहर फैलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इस कानून के असर को समझ सकें और इसके खिलाफ आवाज़ बुलंद कर सकें। दिल्ली, कोलकाता, पटना और हैदराबाद जैसे शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह कानून अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को निशाना बना रहा है, जो संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है।