Chhattisgarh-Maharashtra सीमा पर नक्सलियों से मुठभेड़, 31 नक्सली मारे गए, दो जवान घायल
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Chhattisgarh के बीजापुर और नारायणपुर जिलों की सीमा पर स्थित महाराष्ट्र के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच एक भीषण मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, सुरक्षा बलों के अधिकारियों का कहना है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि मुठभेड़ स्थल पर कई और शव पड़े होने की सूचना है।
मुठभेड़ बीते सुबह 8 बजे से जारी है और सुरक्षा बलों का कहना है कि यह मुठभेड़ बीजापुर के फार्सेगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हो रही है। मुठभेड़ के दौरान दो जवान भी घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
मुठभेड़ स्थल पर बड़ी संख्या में हथियार बरामद
इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में स्वचालित हथियार और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के पास अत्याधुनिक हथियार थे और इस मुठभेड़ में उनकी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। सुरक्षा बलों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई अब तेज़ हो गई है और वे लगातार ऐसे अभियानों में सक्रिय हैं, जो नक्सलियों के नष्ट करने में मदद करेंगे।
मुठभेड़ में घायल हुए दो जवान
सुरक्षा बलों का कहना है कि मुठभेड़ में घायल हुए दो जवानों को तुरंत अस्पताल भेजा गया है, और उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। ये जवान डीआरजी बीजापुर, एसटीएफ, और सी-60 के थे, जो मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों के साथ भिड़े थे। घायल जवानों का इलाज चल रहा है और उनकी पूरी स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।
नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त सुरक्षा बलों की कार्रवाई
सुरक्षा बलों ने बताया कि इस मुठभेड़ की शुरुआत उस समय हुई जब उन्हें जानकारी मिली कि नक्सली राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सक्रिय हैं। इसके बाद बीजापुर और अन्य स्थानों से संयुक्त सुरक्षा बलों को मौके पर भेजा गया था। सुरक्षा बलों में शामिल थे- डीआरजी बीजापुर, एसटीएफ, सी-60, और अन्य विशेष बल। ये सभी सुरक्षा एजेंसियां मिलकर नक्सलियों के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं।
चंद्रकांत गोवर्ना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP), ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुठभेड़ सुबह से ही चल रही है और इसमें मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, “मुठभेड़ की जगह पर नक्सलियों के शव देखे गए हैं और उनकी संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। फिलहाल सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी है और हम और अधिक जानकारी तब देंगे जब हमारी टीम लौटेगी।”
मुठभेड़ स्थल पर खोजी अभियान
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर गहन तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि यह तलाशी अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक नक्सलियों का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता। तलाशी में नक्सलियों के किसी भी प्रकार के हथियार, विस्फोटक या अन्य सामग्री का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान में जवानों को हर कदम पर खतरे का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं।
राज्य में बढ़ी नक्सल विरोधी कार्रवाई
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे लगातार अभियान का हिस्सा है। पिछले कुछ महीनों में, राज्य में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की हैं और उन्हें क्षेत्रीय सीमाओं से बाहर खदेड़ने की कोशिश की है। सरकार ने नक्सलवादियों के खिलाफ अभियान को और तेज करने का आदेश दिया है, ताकि इस आतंकवाद के खतरे को जड़ से खत्म किया जा सके।
सुरक्षा बलों का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से राज्य के अन्य हिस्सों में भी नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आएगी। बीजापुर और नारायणपुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई तैनाती और नियमित कार्रवाई ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ा है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार ने मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के साहसिक प्रयासों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, “हमारे सुरक्षा बल दिन-रात नक्सलवादियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, और हमें उनके प्रयासों पर गर्व है। हमारी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
छत्तीसगढ़ में चल रहे इस अभियान को लेकर अब तक मिल रही जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई नक्सलवादियों के खिलाफ और तेज हो गई है। मुठभेड़ में 31 नक्सलियों के मारे जाने के बाद यह माना जा रहा है कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। हालांकि, जैसे-जैसे यह ऑपरेशन आगे बढ़ेगा, यह संभव है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़े।
अब तक की कार्रवाई को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि सुरक्षा बलों का यह अभियान नक्सलवादियों के खिलाफ एक बड़ी और निर्णायक सफलता हो सकती है, जो छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में नक्सल समस्या को समाप्त करने में सहायक होगा।