नवरात्रि में कर्मचारियों को देर से ऑफिस आने और जल्दी जाने की मांग, हिंदू संगठन ने उठाई आवाज

मध्य प्रदेश में रमज़ान के बाद अब नवरात्रि के दौरान सरकारी कर्मचारियों को देर से ऑफिस आने और जल्दी छुट्टी देने की मांग तेज़ हो गई है। हिंदू संगठन संस्क़ृति बचाओ मंच ने कहा है कि नवरात्रि के दौरान हिंदू कर्मचारियों को सुबह 12:00 बजे तक ऑफिस आने और शाम 4:00 बजे छुट्टी देने की अनुमति मिलनी चाहिए। संगठन का कहना है कि जैसे रमज़ान में मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज़ पढ़ने की छूट दी जाती है, वैसे ही हिंदू कर्मचारियों को भी पूजा-पाठ के लिए समान अधिकार मिलना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
संस्कृति बचाओ मंच ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने रमज़ान में मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज़ के लिए विशेष छूट दी थी। मंच का तर्क है कि नवरात्रि के दौरान हिंदू परिवारों में सुबह 5:00 बजे से अनुष्ठान शुरू हो जाते हैं। कई लोग सप्त चंडी, सप्तशती हवन या जौ का हवन करते हैं। दिनभर पूजा-पाठ का आयोजन होता है। ऐसे में हिंदू कर्मचारियों को भी ऑफिस के लिए देर से आने और जल्दी छुट्टी देने की सुविधा मिलनी चाहिए, ताकि वे मां भगवती की आराधना कर सकें और देश-विदेश में सुख-समृद्धि की कामना कर सकें।
सीएम को लिखा जाएगा पत्र
संस्कृति बचाओ मंच ने कहा कि अगर उनकी मांग पर मुख्यमंत्री उनसे मुलाकात नहीं करते हैं, तो वे स्पीड पोस्ट के जरिए पत्र लिखकर अपनी मांग रखेंगें। संगठन ने कहा कि भारत माता के चार सिपाही – हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई हैं। यदि समानता की बात की जाती है तो सभी को समान अधिकार मिलने चाहिए। मंच ने सवाल उठाया कि यदि रमज़ान में विशेष छूट दी जा सकती है, तो नवरात्रि में हिंदू कर्मचारियों के लिए भी यही नियम लागू होना चाहिए।
समानता की मांग पर जोर
हिंदू संगठन का कहना है कि संविधान के तहत सभी धर्मों को समान अधिकार दिए गए हैं, ऐसे में सिर्फ एक धर्म के लोगों को विशेष छूट देना उचित नहीं है। मंच ने कहा कि वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के अलावा अन्य मंत्रियों और अधिकारियों तक भी पहुंचाएंगे, ताकि नवरात्रि के दौरान हिंदू कर्मचारियों को भी पूजा-अर्चना के लिए पूरा समय मिल सके।