ग्रीस में भूकंप का तांडव, लगातार झटकों से लोग घर छोड़ने को मजबूर
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ग्रीस के प्रसिद्ध रिसॉर्ट द्वीप संतोरिनी में पिछले एक हफ्ते से लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। स्थिति इस हद तक बिगड़ चुकी है कि सरकार को वहां आपातकाल घोषित करना पड़ा है। इस द्वीप पर पिछले एक हफ्ते में सैंकड़ों भूकंप के झटके आए हैं, जिससे लोगों में भारी दहशत फैल गई है। बुधवार रात को 5.2 की तीव्रता वाला एक बड़ा भूकंप आया, जिसके बाद ग्रीक सरकार ने आपातकाल की घोषणा की। ग्रीक सरकार के सिविल प्रोटेक्शन मंत्रालय द्वारा की गई इस घोषणा से अधिकारियों को राज्य संसाधनों तक तेज़ी से पहुँच प्राप्त होगी।
31 दिसंबर से जारी हैं भूकंप के झटके
संतोरिनी द्वीप पर भूकंप के झटके 31 दिसंबर से लगातार आ रहे हैं। इस दौरान भूकंप गतिविधियों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई। बुधवार रात को 5.2 की तीव्रता वाला भूकंप आया, जिससे लोगों में भय का माहौल बन गया। लगातार हो रहे भूकंपों के कारण निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, जिसके बाद सरकार ने आपातकाल की घोषणा की। ग्रीक सरकार के प्रवक्ता पावलोस मरीनाकिस ने पुष्टि की कि कई आपातकालीन सेवाओं को पहले ही द्वीप पर भेजा जा चुका है, ताकि स्थिति को संभाला जा सके।
लोगों में भय, भारी संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर भागे
भूकंप के कारण लोगों में भय फैल गया और बड़ी संख्या में लोग द्वीप से भागने को मजबूर हो गए। अधिकांश लोग द्वीप से ग्रीस के मुख्य भूमि पर नावों के जरिए पलायन कर गए। हालांकि भूकंप के झटकों से बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, फिर भी लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। ऐसे में द्वीप पर स्थानीय प्रशासन की ओर से त्वरित सहायता भेजी गई है। ग्रीक प्रशासन ने पुलिस, अग्निशमन विभाग, तटीय गार्ड, सशस्त्र बल और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को अतिरिक्त कर्मचारियों और विशेष उपकरणों के साथ तैनात कर दिया है।
क्या लगातार झटके एक बड़े भूकंप के संकेत हैं?
भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि ये लगातार झटके एegean सागर में सक्रिय ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण नहीं हो रहे हैं। विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में यह कहना मुश्किल है कि इन झटकों का किसी बड़े भूकंप से कोई संबंध है या नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि वे स्थिति पर करीबी निगरानी बनाए हुए हैं। हालांकि, इन भूकंपों के केंद्र के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है कि यह केंद्र संतोरिनी, अनाफ़ी, अमोर्गोस और इओस द्वीपों के बीच है। द्वीप की ऑर्थोडॉक्स चर्च ने निवासियों से एक-दूसरे की मदद करने का आह्वान किया है, ताकि इस कठिन समय में वे एकजुट रहें।
ग्रीक सरकार का त्वरित कदम
ग्रीक सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आपातकालीन सेवाओं को द्वीप पर भेजने के साथ-साथ मदद के लिए विशेषज्ञों और कर्मचारियों को भी तैनात किया है। सरकार की ओर से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि हालात को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके और लोगों को राहत प्रदान की जा सके। सरकार ने भी यह संकेत दिया है कि वह द्वीपवासियों की हर संभव सहायता करेगी।
भूकंप के कारणों पर विचार
भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि भूकंपों की बार-बारता से कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलता, फिर भी यह संभावना बनी रहती है कि यह किसी बड़े भूकंप के पहले के संकेत हो सकते हैं। ऐसे मामलों में अक्सर छोटे-छोटे झटके बड़े भूकंप से पहले महसूस होते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है और इस पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है।
स्थानीय समुदाय की भूमिका
संतोरिनी द्वीप पर भूकंप के कारण लोगों में जो दहशत का माहौल बना है, उसमें स्थानीय समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण है। ग्रीस के संतोरिनी द्वीप की ऑर्थोडॉक्स चर्च ने निवासियों से एक-दूसरे की मदद करने का आह्वान किया है, ताकि इस कठिन समय में लोग आपस में मिलकर एक-दूसरे का सहारा बन सकें। चर्च के इस संदेश ने द्वीपवासियों को एकजुट होने की प्रेरणा दी है, जिससे वे इस कठिन परिस्थिति में मानसिक रूप से मजबूत रह सकें।
आगे की रणनीतियाँ और सुरक्षा उपाय
भूकंप के बाद ग्रीक सरकार ने कई सुरक्षा उपायों की घोषणा की है। इन उपायों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना, सहायता भेजना और संचार प्रणाली को बहाल करना शामिल है। इसके अलावा, द्वीपवासियों को लगातार भूकंप के झटकों से बचने के लिए दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। ग्रीक प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि द्वीप पर हर संभव राहत पहुंचाई जाए और कोई भी नागरिक असुरक्षित न रहे।
संतोरिनी द्वीप पर लगातार भूकंप के झटके ग्रीस के लिए एक गंभीर स्थिति बन गए हैं। हालांकि इन भूकंपों से बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन लोग भारी संख्या में अपने घरों से पलायन कर गए हैं। ग्रीक सरकार ने आपातकाल घोषित करके द्वीपवासियों को राहत प्रदान करने की कोशिश की है और सुरक्षा उपायों को लागू किया है। अब यह देखना होगा कि विशेषज्ञों की निगरानी में इस स्थिति का क्या परिणाम निकलता है।