छत्तीसगढ

Durg: नकली पनीर फैक्ट्री का पर्दाफाश, SDM और पुलिस टीम ने फैक्ट्री को सील किया, सैंपल जांच के लिए भेजा

दुर्ग जिले में एक नकली पनीर फैक्ट्री का खुलासा हुआ है, जो लंबे समय से चल रही थी और बड़ी मात्रा में जहरीला पनीर तैयार किया जा रहा था। यह पनीर न केवल सेहत के लिए हानिकारक था, बल्कि इसे राज्य के कई शहरों में भी बेचा जा रहा था। यह मामला तब सामने आया, जब जिले के प्रशासन को इस फैक्ट्री के बारे में सूचना मिली और इसके बाद SDM महेश राजपूत, तहसीलदार और कुम्हारी पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची और फैक्ट्री को सील कर दिया। साथ ही, खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम पनीर का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजने की तैयारी में है।

नकली पनीर कैसे बनता है?

नकली पनीर के बारे में आपने कई बार सुना होगा, लेकिन कैसे यह बनता है, यह बात काफी कम लोग जानते हैं। दुर्ग जिले के कुम्हारी आहीवारा रोड पर स्थित इस फैक्ट्री में पनीर बनाने के लिए दूध की बजाय पाम ऑयल और मिल्क पाउडर का उपयोग किया जा रहा था। इसमें मिलाई जाने वाली रासायनिक पदार्थों के बारे में भी जानकारी सामने आई है। यह फैक्ट्री प्रशासन की आंखों से बचकर चल रही थी और इस बात का किसी को कोई अंदाजा नहीं था कि यहाँ बिना दूध के, केवल केमिकल्स और मिल्क पाउडर से पनीर तैयार किया जा रहा है।

फैक्ट्री में क्या हो रहा था?

इस फैक्ट्री में पनीर बनाने की प्रक्रिया के बारे में खुलासा हुआ है कि इसमें प्लास्टिक ड्रम में मिश्रण को बड़े चर्नर से घुमाया जाता था। इसके बाद इसे बड़े बर्तन में रखा जाता और गर्म किया जाता था। इस पूरी प्रक्रिया में पाम ऑयल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, तेल और रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल हो रहा था। यह पनीर प्रति दिन 100 से 150 किलो तैयार किया जाता था, जिसे दुर्ग, रायपुर और आसपास के जिलों में सप्लाई किया जाता था।

Durg: नकली पनीर फैक्ट्री का पर्दाफाश, SDM और पुलिस टीम ने फैक्ट्री को सील किया, सैंपल जांच के लिए भेजा

फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि पनीर तैयार करने के लिए मिल्क पाउडर, पाम ऑयल और अन्य रासायनिक पदार्थों को मिलाकर उसे पनीर जैसा रूप दे दिया जाता था। यह पूरी प्रक्रिया स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक है, क्योंकि पनीर को बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामग्री को दूध की जगह केमिकल्स से बदला गया है, जो किसी भी व्यक्ति के लिए सेहत के लिए खतरे की घंटी हो सकता है।

प्रशासन की कार्रवाई

जैसे ही इस नकली पनीर फैक्ट्री के बारे में जानकारी मिली, दुर्ग कलेक्टर और सांसद विजय बघेल को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद एसडीएम महेश राजपूत, तहसीलदार और कुम्हारी पुलिस स्टेशन की टीम फैक्ट्री पर पहुंची और फैक्ट्री को सील कर दिया। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पनीर का सैंपल लिया और उसे लैब जांच के लिए भेज दिया है। प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की बात कही है और साथ ही इस फैक्ट्री में काम कर रहे श्रमिकों से भी पूछताछ जारी है।

नकली पनीर के खतरे

नकली पनीर का सेवन करने से लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह के पनीर में जो केमिकल्स और हानिकारक पदार्थ होते हैं, वे शरीर में जाकर हार्मोनल असंतुलन, पेट की बीमारियाँ, त्वचा की समस्याएँ और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, इस प्रकार के पनीर का सेवन करने से लिवर और किडनी पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

दुर्ग में सामने आई यह नकली पनीर फैक्ट्री न केवल प्रशासन के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी है। इस घटना से यह साफ जाहिर होता है कि यदि प्रशासन और लोगों की ओर से सतर्कता न बरती जाती, तो यह जहरीला पनीर बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंच सकता था। अब प्रशासन ने फैक्ट्री को सील करके जो कदम उठाया है, उससे इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की उम्मीद है। हमें अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहकर और ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में अधिक सचेत रहकर ही स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकते हैं।

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