गाजियाबाद में DRDO अधिकारी की सोने की चेन लूटी, बदमाशों ने धक्का देकर पत्नी को गिराया

गाजियाबाद में एक DRDO अधिकारी की सोने की चेन लूटने की घटना ने स्थानीय नागरिकों में खौफ पैदा कर दिया है। यह घटना राजनगर एक्सटेंशन के नंदग्राम पुलिस थाने के अंतर्गत हुई, जहां DRDO के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गोविंद कुमार अपनी पत्नी के साथ घूम रहे थे। रात करीब 9:30 बजे, जब वे क्लासिक रेजिडेंसी और AVS चौराहे के पास थे, तभी बाइक सवार दो बदमाशों ने उनकी सोने की चेन लूट ली।
घटना का विवरण
गोविंद कुमार ने बताया कि लूट के दौरान बदमाशों ने उन्हें धक्का भी दिया, जिससे उनकी पत्नी गिर गईं और उन्हें चोटें आईं। गोविंद के शरीर पर खरोंच के निशान हैं, जो इस घटना की गंभीरता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद उन्होंने राजनगर एक्सटेंशन में तैनात पुलिसकर्मियों को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने सिर्फ दो कांस्टेबल उनके साथ भेजे और कहा कि सुबह आकर लिखित शिकायत दें।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल
गोविंद कुमार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “मैं FIR दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने और पुलिस पोस्ट के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन कोई मेरी सुनवाई नहीं कर रहा है।” उनकी यह शिकायत स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है, जो पहले से ही अपराधों में वृद्धि को लेकर चिंतित हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “उत्तर प्रदेश की सड़कों पर लोग सुरक्षित नहीं हैं! गाजियाबाद में DRDO अधिकारी की चेन लूटने की घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में अपराधियों का मनोबल ऊँचा है। त्योहारों के अवसर पर, सरकार को कानून-व्यवस्था में सुधार लाना चाहिए और लुटेरों पर अंकुश लगाना चाहिए।”
सुरक्षा के उपाय
गाजियाबाद में इस तरह की घटनाओं की वृद्धि से स्थानीय निवासी चिंतित हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को अपने आसपास के माहौल पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस को भी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
गाजियाबाद में DRDO अधिकारी से हुई चेन लूट की घटना ने यह साबित कर दिया है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन को गंभीरता से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल पुलिस की जिम्मेदारी है, बल्कि समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी भी है। अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की वृद्धि जारी रहेगी, जो स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और विश्वास को प्रभावित करेगी।
इस घटना ने गाजियाबाद के नागरिकों के बीच डर और असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है। सभी को मिलकर एक सुरक्षित वातावरण के लिए प्रयास करना होगा, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हो सकें।