Donald Trump का यूक्रेन में तत्काल संघर्षविराम का आह्वान, जेलेंस्की ने शांति के लिए ‘न्यायपूर्ण’ समझौते की बात की
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया है। ट्रंप ने यह प्रस्ताव फ्रांस की राजधानी पेरिस में फ्रांसीसी और यूक्रेनी नेताओं से मुलाकात के बाद दिया। सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने दावा किया कि कीव अब ‘संधि’ करना चाहेगा ताकि वह युद्ध समाप्त हो सके, जो कि अब तक 1,000 दिन से अधिक समय तक चल रहा है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति पालेस ‘क्रेमलिन’ ने कहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं, जबकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि कोई भी समझौता स्थायी शांति की दिशा में मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
“परिवार बर्बाद हो रहे हैं”
ट्रंप ने अपने ‘ट्रुथ सोशल’ प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोस्ट में दावा किया कि रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों ने सैकड़ों हजारों सैनिकों को खो दिया है और यह युद्ध कभी नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा, “तत्काल संघर्षविराम होना चाहिए और वार्ता शुरू होनी चाहिए। कई लोग अपनी जानें गंवा रहे हैं, कई परिवार बर्बाद हो रहे हैं।” उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध समाप्त करने का आह्वान किया। ट्रंप की यह टिप्पणी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक के बाद आई है।
जेलेंस्की ने क्या कहा?
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बैठक को सकारात्मक बताया और संवाददाताओं से कहा कि कोई भी शांति समझौता यूक्रेनी लोगों के प्रति निष्पक्ष होना चाहिए। जेलेंस्की ने कहा, “जब हम रूस के साथ प्रभावी शांति की बात करते हैं, तो हमें पहले प्रभावी शांति गारंटी के बारे में बात करनी चाहिए। यूक्रेनी लोग शांति चाहते हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन ने 43,000 सैनिकों को खो दिया है, जबकि 370,000 अन्य घायल हुए हैं। यह आक्रमण 24 फरवरी 2022 को हुआ था और तब से यह युद्ध जारी है।
रूसी क्रेमलिन का बयान
रूस ने कहा है कि वह किसी भी समझौते के लिए तैयार है, लेकिन शर्त यह है कि उस समझौते में दोनों पक्षों के हितों का ध्यान रखा जाए। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन किसी भी प्रस्तावित संघर्षविराम की शर्तों पर विचार करेंगे, लेकिन यह शर्त है कि यूक्रेन के साथ सीमा विवाद और अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए शांति प्रक्रिया का आरंभ होना चाहिए। रूस के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह चाहता है कि पश्चिमी देश भी इस वार्ता में सक्रिय रूप से शामिल हों, क्योंकि उनका यूक्रेन को लगातार सैन्य समर्थन इसे लंबा खींचने का कारण बन रहा है।
विभिन्न दृष्टिकोण
इस संघर्ष के विभिन्न पक्षों के दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से भिन्न हैं। जहां ट्रंप और रूस के नेता एक समझौते की बात कर रहे हैं, वहीं ज़ेलेन्स्की का कहना है कि शांति की दिशा में कोई भी कदम केवल उस समय लिया जा सकता है जब रूस से वास्तविक गारंटी प्राप्त हो कि वह यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करेगा। यूक्रेन ने रूस के आक्रमण के पहले ही दिन से संघर्ष विराम की कोई भी पेशकश स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, और अब भी उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
क्या है शांति का मार्ग?
यूक्रेनी सरकार का मानना है कि रूस द्वारा कब्जे गए क्षेत्रों की वापसी और सीमाओं का पुनर्निर्धारण ही स्थायी शांति की कुंजी है। ज़ेलेन्स्की के अनुसार, रूस को उन क्षेत्रों से पीछे हटने के बाद ही कोई शांति समझौता संभव हो सकता है। दूसरी ओर, रूस का कहना है कि उसे अपनी सुरक्षा की गारंटी चाहिए और यूक्रेन के नाटो से जुड़ने के सवाल पर किसी भी समझौते पर विचार करने से पहले पश्चिमी देशों से प्रतिज्ञाएं चाहिए।
वर्ल्ड सीन पर अमेरिका की भूमिका
अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप का बयान यूक्रेन युद्ध पर एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत है। ट्रंप ने पिछले कई महीनों से इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सक्रियता दिखाई है, लेकिन उनकी आलोचना यह भी की जा रही है कि उन्होंने पुतिन से दोस्ताना संबंध बनाए रखे हैं। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन जारी रखा है, और उनका प्रशासन यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखने की बात करता है।
आगे क्या होगा?
इस बीच, ट्रंप के प्रस्ताव पर यूक्रेन और रूस के बीच संभावित शांति वार्ता की दिशा तय करना अब और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। यूक्रेनी सेना, जो कई बार रूस से भारी हमलों का सामना कर चुकी है, अब युद्ध की समाप्ति की कोई ठोस योजना देखना चाहती है। लेकिन इस संघर्ष के अंत के लिए दोनों पक्षों को अपनी स्थिति में बड़ा बदलाव लाना होगा।
ट्रंप का तत्काल संघर्षविराम का आह्वान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक नया कदम हो सकता है, लेकिन यह सभी पक्षों के हितों और संप्रभुता की रक्षा के सवाल पर आधारित होगा। अब यह देखना होगा कि रूस, यूक्रेन और पश्चिमी देशों के बीच किस प्रकार का समझौता होता है और क्या यह संघर्षविराम यूक्रेन के नागरिकों और सैनिकों के लिए स्थायी शांति की ओर एक कदम होगा।